उसने कहा,' तुम तो लेखक हो,न जाने कितनी ही नायीकाओं को हर पल सोचते हो और लिखते हो,मेरा ख्याल ही कहाँ...'
उसने धीरे से मुस्कुराकर कहा,'मेरी हर नायिका तुम्हारी ही किसी आदत, किसी चाहत, किसी भाव, किसी रंग का स्वरूप है.... अगर तुम्हारा ख्याल मेरे ज़ेहन से एक पल को भी गया तो मेरी कोई कहानी फिर कभी पन्नों पर न उतर पायेगी.....'
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