मौत मुजससीमा आफताब सब तेरे लिए अपनाया है
तुम न होते तो मौत भी न होती, मुजससीमा न होता ,
आफताब घर मे कही छिपा होता सब तो तुमपे है मेरा क्या होता-
5 JUN 2020 AT 14:12
9 AUG 2018 AT 13:48
बेशक तुम चाँद सी खूबसूरत हो
मगर तुम्हारे मुजस्सिम को नूर तो
मेरे इश्क़ के आफ़ताब से ही मिलता है-
6 DEC 2017 AT 1:11
एहसास ए नूर था इस कदर मुजस्सिम
दीवानापन सा आगया खुदा की नक्क़ाशी की तारीफ में ||-