उड़ने के लिए,
जरूरी है गिरकर
फिर से खड़ा होना ।-
23 MAR 2018 AT 11:41
19 MAR 2018 AT 12:46
जब जब इस चकाचौंध की तरफ बढ़ता हूँ,
तो अकेलेपन का अहसास भी बढता जाता है।
क्योंकि जशन का साजो-सामान तो बहुत है,
मगर मुबारक देने वाला चेहरा कहीं गुम है।-
7 MAR 2018 AT 20:19
पहले तुम्हें याद करके
गाने सुना करता था,
अब तो गाने सुनकर भी
तुम्हारी याद नहीं आने देता।-
20 JUN 2019 AT 23:50
आज कल के इश्क़ से,
परहेज ही अच्छा है।
इश्क़ करने वालों का,
दिल ही कच्चा है।।
अधूरी होगी....
या बनेगी मुकम्मल दास्तान।
सच तो ये है,
इश्क़ के सफर में।
आज के दौर में,,
कोई नहीं सच्चा है।
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31 MAR 2019 AT 15:17
तेरी रूह से जुड़ा हूँ मैं,
जुड़ा ही रहूँगा।
पर तेरे इंतजार में,
निकम्मा हो जाऊं,
इतना बेगैरत भी नहीं।-