कैसे कहूँ मैं तुमसे,
कितना नाराज़ हूँ मैं तुमसे
एक वादा किया था तुमने,
जो तुम निभा न सके
एक लम्हा दिया था तुमको,
जो तुम सम्भाल न सके
कैसे सोचा भी तुमने,
कि तुमसे नाराज़ नहीं हूँ मैं
मगर कैसे इनकार करूँ मैं,
कि तुमसे प्यार नहीं है
कितना खूबसूरत साथ था हमारा,
जो अब तुम्हे याद भी नहीं है
मेरी आँखें जिनमे ख्वाब भी नहीं हैं,
अक्स है तुम्हारा की कितने बेपरवाह हो तुम
♥️Love_you_zindagi♥️
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