Emotions stirred,
like a tempest rage.
The bird of desire,
loves breaking the cage.
I'm the sinner,
lemme sin.
Me, no hermit
neither a sage.
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On the table
in the glare
in your eyes
No...not a stare
The game I play....
by the book
fair n square.-
कान्हा तू सुने क्यूँ ना मेरी,
....सखी हूँ या मैं हूँ तेरी चेरी।
पल पल सताए मोहे,
.....दरस ना दिखाये है।
उठे नित पीर हिय में,
.....नैना बरसें ज्यूँ बदरी घनेरी।
चितचोर बोले तोहे मोरी सगरी सहेली,
.....आन मिलो कब, नित बूझूँ ये पहेली।-
It's good to establish records.
but
Never ever be part of some statistics.-
तुम बिन जीवन, जिया ना था।
कदाचित प्रेम किसी संग किया न था।
पाकर तुम्हें केवल है इतना जाना,
अलग ही है प्रेम का बुना ताना बाना।
जो जो जितना डूबे, सो वो उतरस पार,
उथला उथला जो रहे, सो जाए जीवन हार।
भला हो कृष्ण तेरा प्रेम जो सब संग एक समान,
मोह बंधन से छूट रहे, और सबको दीजो ज्ञान।-
पेड़ों में से सूरज झांके
तो सुंदर सवेरा,
बादलों के बीच से जब वो देखे,
तो खुशियों की आमद।
कनखिओं से जो गोरी झांके,
देवे मधुर प्रेम की दस्तक।
घूंघट से जो दुल्हन झांके,
पति को स्वीकारे संग सब पद।
और यदि खिड़की से झांके,
तोड़े सर्व मर्यादा बंधन।
बस यूंही चोरी से तकना,
गोरी, तोपे वारूं तन-मन।
-
उनसे नजर जो मिली,
कयामत ही हो गई।
चिलचिलाती धूप में,
बदली सी छा गई।-
हसरतों को परवान चढ़ने दो,
उन्हे पाल कर क्या करेंगे।
पिंजरे से टकरा टकराकर,
हौसले बेदम ही हो जायेंगे।-