रक़ीब मेरे, वो बदल रही है ऐसे,
रदीफ़, काफ़िया बदल रही हो जैसे...-
16 JUN 2019 AT 14:10
"हैलो पापा मैं गुड़िया। आप कैसे हैं? कब आयेंगे? मैंने अब मस्ती करना भी बंद कर दिया है। अब मैं पड़ोस की रिया से झगड़ती...
शेष अनुशीर्षक(caption) में पढ़ें।-
11 JUN 2019 AT 9:38
कल मेरी कलम मुझपर भड़क गई।
बोली- "तुम कैसे लेखक हो। पहले कहते हो कि मुझे कभी नहीं भूलोगे। जब भी मौका मिलेगा मुझसे मुलाकात करने ज़रूर आओगे और अब कितने पत्थर दिल बन गए हो।
(शेष अनुशीर्षक(caption) में पढ़ें)-
10 JAN 2019 AT 12:55
जिव्हा पर
सबसे पहले आया शब्द
और उस शब्द की भाषा,
दोनों ही अनमोल हैं...
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11 DEC 2018 AT 13:12
करती रंगीन औरों की रात,
खुद की रात है काली,
कोई कहता बाज़ारू है तू,
कोई कहता कोठे वाली...-