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मेरे होठो की मुस्कान है तू,
इस दिल का अरमान है तू,
देख तुझे धड़कन बोले बस
मैं जिस्म तेरी मेरी जान है तू,
मै मिलने तुमसे आऊँगी,
खुशियो का जहाँ लुटाऊँगी,
प्यार भरे तेरे शब्दो से
माँसी तुमसे बुलवाऊँगी,-
मेरी ज़िन्दगी में
बहुत खास हो आप,,,
हाँ दूर होकर भी
बहुत पास हो आप।-
Your sister is married to the love of her life.
Who did you lose your heart to? They laughed.
'My three year old', his maasi replied.
DEEVJ©-
माँ का दूसरा रूप होती है माँसी,
इसलिए तो माँ का स्वरूप होती है माँसी,
माँ की तरह ही ख़्याल रखती है,
और माँ की तरह ही प्यार करती है,
इसलिए तो मेरी बहुत खास है माँसी,
आवाज़ इतनी मद्घम सी है माँसी की,
जब पड़ती है मेरे कानों में तो
अपनेपन का एहसास कराती है,
जब भी सोचूं आपके लिए कुछ लिखने को,
दुविधा में कलम मेरी पड़ जाती है,
आँखिर कहाँ से करूं शुरू और कहाँ करूं खत्म,
आपके दिए प्यार का मैं नहीं कर सकती हूँ
चंद अल्फाजों में वर्णन।
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बिल्कुल मेरी माँ... सी है,इसलिए तो मेरी माँसी है,
माँसी की आवाज़ में साक्षात माँ सरस्वती विराजती है,
जब भी माँसी से बात करती हूँ, जब भी उनकी मद्धम सी आवाज़ सुनती हूँ,बड़ा सुकून सा मिलता है दिल को,
मन में असंख्य सवाल चलते है मेरे की कोई इतनी
दूर होकर भी कैसे किसी को इतना प्यार करता है।
कहूंगी मै सिर्फ इतना कि....
ज़िन्दगी में आपकी एहमियत बता नहीं सकती
मेरे दिल में आपकी जगह दिखा नहीं सकती,
कुछ रिश्ते अनमोल ही अच्छे है,
इससे ज्यादा मै आपको और कुछ समझा नहीं सकती।-
मुझें सर पर चढ़ाने वाली
साथ में जिद्दी भी बनाने वाली
बिना कुछ माँगे सब कुछ देने वाली
मेरे हर क्रोध को सह लेने वाली
मेरे आँसुओ में मुस्कान लाने वाली
मेरे हर दर्द को ठीक करने वाली
बिना कुछ कहे हर बात को समझने वाली
कोई और नहीं सिर्फ़ आप हो माँ
रिश्ते में तो आप मेरी मासी लगतीं हैं
लेकिन असल जिंदगी में
मेरी सब कुछ लगतीं हो
लिखने को तो बहुत कुछ लिखना चाहूंगी
लेकिन कविता को कहानी न बना के सिर्फ़
कविता ही लिखना चाहूंगी ।
Love u mucchhiiii (masi)
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सरल सा स्वभाव है भावुक सा मन,
और प्यार है मौसी का एकदम निश्छल,
कहते है मुझे कभी ईशु तो कभी बिटिया रानी,
और ये है प्यारी मौसी हमारी,
नहीं थी मेरी जान पहचान,
लेकिन माँ कि बदौलत हो गई,
देखते ही देखते कुछ ही समय में,
मौसी से मेरे दिल की कड़ी जुड़ गई,
बड़ी प्यार से मुझे हर बात समझाते है,
कम शब्दों में बहुत कुछ कह जाते है,
और अगर लिखूं कुछ उदासी वाला,
तो मेरे मौन को समझ जाते है,
क्यूंकि ये मौसी है ना बिल्कुल माँ सी।-
Bhar nikalta hu toh zindgi barbaad si lgti hai
Unke aas pass kabhi nhi
Unki God me sukoon chipa hai mera
Shayad neend na aati ho raat bhar kabhi
Par vo apni saari se
dhak kar pal bhar me sula DETI hai
Laakho saval hote h jab puchne ko
Pr vo phone pr BHI bus itna khti h
Beta tune kuch khaya ki nhi...
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