आंखें झुकी झुकी सी हैं,
माथे पर शिकन छुपाए लगते हो,
सच में ख़ामोश बैठे हो रूठ कर हमसे,
की आने वाला तूफ़ान दिल समाए बैठे हो!-
खामोशियों की परवाह नहीं,
बेचैनियों का ज़ख्म है,
गर मोहब्बत नहीं उनसे,
फिर ये किस बात का गम है!-
They fullfill all my wishes,
Beyond there limits just to make me happy!-
रहबर हूं दर पर तेरे,
कोई आतिश तो करदे,
और तमन्ना है फना होने की, तुझमें ए खुदा,
तू छू कर हमें, अपना हमनशीन कर ले!-
मजबूरी नहीं जस्बात होने चाहिए,
वक़्त और मौसम की न कोई बात होनी चाहिए,
याद करें हम जिनको यूं ही,
तीन चार खास ऐसे यार होने चाहिए!-
दूरी का एहसास नहीं बचा,
बस तेरा रूठ जाना याद है,
बातें तो होती हैं यारों की महफ़िल अब भी में तेरी,
पर मेरे दिल में तू बेवजह एक राज़ हैं!-
मैं मोहब्बत लिखुं या इबादत लिख दूं,
खुशियां लिखुं या सलामत लिख दूं,
या पैगाम लिख दूं उस बेजुबां के लिए,
की मसीहा समझा था जिसे उसने,
वो आदमी हैवान हो गया है,
और इंसान न रहा अब वो शैतान हो गया है!-
जिंदगी मिली है नसीब से,
बस एक प्यारी सी मोहब्बत भी हो जाए,
अब क्या भरोसा है जिंदगी का भी,
आज खुशनुमा है कल खफ़ा हो जाए!-
खामोशियों में सिमट गया,
बेपरवाहीयों से बिखरा हूं,
अफसोस दूर होने का नहीं ज़माने से,
दर्द ज़िन्दगी से नज़रें चुराने में है!-
तमन्ना हमारी भी कुछ आम नहीं है,
हर पहलू इत्मीनान से देखा है,
और ज़माने कि नादानी पर अब मुस्कुरा देते हैं,
अकेले हैं तेरे शहर में फिर भी कभी कभी कुछ गुनगुना लेते हैं!-