नि:शब्द हूं नि:स्वार्थ हूं
तेरे लिए तेरे साथ हूं-
इश्क़ का यारों कोई अंजाम नहीं होता।
हर इश्क़ में आशिक़ बदनाम नहीं होता।
मिल जाएं हमसफर आपको गर "अच्छा" तो समझ लेना
जनाब.........
प्यार जैसा "सच्चा" इस दुनियां में कोई एहसास नहीं होता।-
तुम्हारे जीवन में मेरा छोटा सा किरदार है
तुम जीत गए मैं हार गया अब ना कुछ भी याद है-
मिट्टी हूँ मैं मिट्टी में मिल जाऊँगा
कण कण होकर खुले गगन में मैं छाऊंगा-
हक है तुझे भी उसे सरेआम करने का
छीनी है जो खुशियाँ तेरी उससे सवाल करने का
हर बाजी को जीतने के लिए उसने कई चाल चली
दूर करके तुझे तेरे अपनों से खुशियाँ भी अपने नाम कर ली-
चल एक कोशिश करते हैं फिर नाकाम करते हैं
खुले गगन में मिट्टी को उड़ाकर उसे गुलाल करते हैं-
हार जीत बस में नहीं मुंह को लिए फुलाय
गुस्से पर काबू नहीं जब सबसे लड़ता जाय
जीवन के सब मार्ग पर सीख नई मिल जाय
हाँथ बढ़ाकर साथ चले अपनाते सबको जाय
ईर्ष्या से ही वो भरा हुआ है देख तरक्की भाय
बिना वजह कड़वाहट मन की उसने दी दिखाय
जगह जगह पर किए प्रयास हैं तुमको देख गिराय
तुम जो नहीं गिरे कहीं पर खुद ही वो जल भुन जाय
ये तो जैसे नियम बन गया एक दूजे को देख जल जाय
करो तरक्की बनाओ दुश्मन आपस का है प्रेम मिट जाय-
तू हर बार मुझे प्यार से मनाती है
साथ रहती है मेरे मुझे प्यार ही सिखाती है-
एक कदम चलता हूँ लड़खड़ा जाता हूँ
जीतते जीतते अब मैं हार जाता हूँ
एक शौक था दिल्लगी का तुझसे
अब खुद से ही मैं दूर भाग जाता हूँ
कोशिशें हजार करता हूँ भूल जाने की
हर दफा चेहरा वो नजर आता है
खुद की ख्वाहिश मैं भूल जाता हूँ
एक तेरा दीदार सा हो जाता है-
एक ख्वाब दिखाता हूँ तुम उसे पहचान लेना
वो रहता है सदा खुश बस तुम उसे जान लेना
सबको कहता है वो अपना दिल का बहुत ही साफ है
रखता है पास दोस्तों को फ़िर वो मुझसे क्यूँ निराश है-