द्योतक था स्वाधीनता संग्राम का,
मिला 'लोकमान्य' का उपनाम था,
'तिलक' उसी का नाम था।
बाल-विवाह विध्वंशक वो,
राष्ट्र का अभय संरक्षक वो,
खगोल-गणित ज्ञाता भी वो,
भविष्य द्रष्टा, भारत का रक्षक वो।
जन्मसिद्ध अधिकार कहा जिसने स्वराज को,
जिसका उद्देश्य समाज का उत्थान था।
'तिलक' उसी का नाम था।
उठा विधवाओं के अधिकार के लिए,
अडिग था अनीति के संहार के लिए,
उसके आगे आए असंख्य विरोधी लेकिन,
वो लड़ा समाज से, समाज में सुधार के लिए।
वेतज्ञ, संस्कृतज्ञानी वो गंगाधर विद्वान था,
इस भारत भूमि का अद्विक वरदान था ,
'तिलक' उसी का नाम था।
'तिलक' उसी का नाम था।-
9 AUG 2018 AT 22:24