परिभाषाओं और काव्य की सीमाओं से परे प्रेम अनुभव करना हो तो
तुम भी अपने अंदर के उस स्त्री तत्व को जीने का प्रयास करो-
क्या कहा मैं सुन नही सकती विकलांगता है ये
नही जी यह तो उस इस्वर का वरदान है मुझे
अब मैं तुम्हारी नकारात्मक बातें से विचलित हुए बिना
सृजनात्मक जीवन मे नया रंग भर सकूंगी धन्यवाद प्रभु
विनीत बिटिया भारत माँ की (बक्सर बिहार)-
खो गयी हो मेरी जिंदगी में,
न जाने कब मिलोगी ,
वो हस्ता चेहरा ही एक तस्वीर है ,
जिसे देखता रहता हूँ ।-
यौवन की वो चिकनी गालियां
मोहित करती हर एक कलियाँ
फिसल गई इन राहों में तो
ग्लानि अग्नि में जलना होगा
मन के भीतर कुप्प अंधोरों में
घुट घुट कर तुझे पलना होगा
अपने कुल का संस्कार ज्योति लेकर
समझ संभाल कर चलना होगा
योवन ऊर्जा से सुरभित
आदर्शों में ढालना होगा
संभल संभल चलना होगा-
कभी तुम्हारी याद आती है
कभी तुम्हारे ख़्वाब आते है
कभी वो वादे दिल फिर से दोहरा जाते है
लेकिन एक तुम्ही नहीं आते हो-
Ab to ,Rooh mai bas gaya bo meri💞... jab se saamil hua har dua mai...💕
Ab mukammal ho na ho ae mannat meri.....🤲
Lekin ab bo Jahin mai is qadar bas gaya hai ki saans ke baad bhi, alvida na kah payega...❣️-
Besrukhi hai kuch aisi ki
Chale jane ka mnn krta h
Per ye sabdo ka samunder hai hi aisa
Ki har mahtahba isme dub jane ka mnn krta h....
Phla pyar
Pen&paper✍️🏻
-
Love never
binds you
in any form,
but it gives
you the
limitless
freedom
of flying
freely in
the limitless
sky-