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बत्ती बुझा के ... Shh 🤫......
बैठ गया है।
जाता क्यों नहीं ??
फिर मैं अपने इकलौते सवाल में
उसे तसल्ली से खो पाती ...
"जाना जरूरी था क्या ???"
Written by:
- अदिती sm अग्रवाल
( skaa🪔)
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काले में से अपना सफेद छाना है हमने।
अब आपसे ये किसने कहा ??
की काला बुरा और सफेद अच्छा।
Written by
- अदिती sm अग्रवाल
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काले में से अपना सफेद छाना है हमने।
अब आपसे ये किसने कहा ??
की काला बुरा और सफेद अच्छा।
Written by
- अदिती sm अग्रवाल
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"शायराना" :
दर्द का आलम कुछ यूं था फिदा
हमपर बतौर कलमकार ।
कि नोंक हटाई तो कई दफ़ा
मेज़ पर से ... मगर
एन वक्त पर मुकर गई
हर बार ।
कहती है :
" पकड़ थोड़ी ज्यादा ही ढीली है"।
Written by
- अदिती sm अग्रवाल
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"शायराना "
कैसी कशिश है ?
कैसी कशमकश है ।
कैसी कशिश है ... कैसीss कशमकश है।
चल दिए नंगे पांव फिर ..
कांटो भरी राह पे।
महंगी पड़ी गुलाबों की चाहत ,
कर गई तबाह हमें।
- अदिती sm अग्रवाल
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Anger & Depression are like dark curtains,it doesn't make you experience the light of love.
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इंद्रधनुष
पानी की अपनी अलग ही शान होती है
छुपे रंगों की कभी इससे पहचान होती है
देखो श्वेत प्रकाश को
फिर पानी के विश्वास को
फिर दोनों की मुलाकात को
एक रंग छोड़ देता है
दूजा बस बटोर लेता है
और इसी कड़ी में बन जाता
फिर सतरंगी परिवेश
जा मरजानी के बावरे
खुद सुर, जन ओ हरिकेश l-
shaayraana :
जब इश्क का ओहदा दर्द होने लगे ...
तो जान लेना हो चुका है।
और जब दर्द सफर से मुकाम
हो जाए
तो मान लेना कि
दिल शायरी हो गया है
और
अब ये शायरी ही हश्र है।
- अदिती sm अग्रवाल-