QUOTES ON #LIFECOACHSHOBHASRISHTI

#lifecoachshobhasrishti quotes

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25 DEC 2021 AT 18:32

"अन्तर्मन"
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क्या डर है तेरे मन में क्यूँ खुद को पिंजरें में कैद किया है।
तू नही बना है किसी पिंजरें में कैद होने को तेरी मंजिल तो है उडानो में.....

तू कब से खुद को हार बैठा है पहले तो फख़्र था तुझे अपने हौसलों के परों पर.....
तू कब से खुद को तोलने लगा है गैरों की नज़रों के तराजू में........

तू खुद भी तो जानता है जो आज तू जिस मुक़ाम में है
वह भी तो तेरी इबादतों की आशीष है.....
क्या तू नही जानता तेरे नेक इरादों को या ख़ुद से किये वादों को.........

तेरी तपिश का अहसास सिर्फ तू जानता है तेरी खूबियों को भी तू पहचानता है
तू चलता चल जिस सफ़र पर निकल चुका है क्यूँकि यहाँ हर कोई किसी खास मक़सद के लिए बना है।



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28 DEC 2021 AT 16:55

"कृष्ण जैसा कोई मित्र नही
कृष्ण नाम से से बढ़कर कोई इत्र नही "


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25 DEC 2021 AT 12:04

हर साल की आदत है अधिकतर सब की
बीतते साल की यादों को लिखना नही भूलते है।
और साथ ही तैयार कर लेते है नये सपनों की लिस्ट
सच है ना हर बार की बात है।.............✍️

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21 FEB 2022 AT 10:37

(अनुशीर्षक में पढे़)— % &

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27 DEC 2021 AT 21:31

✍️🙏

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13 MAR 2022 AT 13:58

समझ पाये भी तो तुझे कैसे ए ज़िंदगी तू आजकल मुस्कुराती बहुत है।
अपनी उलझनों में भी उलझ कर भी तू औरो को सुलझाती बहुत है।

हकीकत की जमीं पर भी सितारों से ख़्वाब सजाती बहुत है।
हाथ थाम कर मेरा मुझ नादाने दिल को समझाती बहुत है।

ए ज़िंदगी तू आजकल मुस्कुराती बहुत है।.....— % &

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26 FEB 2022 AT 10:25

ज़िंदगी के रंगमंच पर जब जो किरदार मिलता है,
उम्दा रूप में निभाता हूँ, पर्दा गिरते ही खुद को पा लेता हूँ।

दर्शकों को उसी रूप में नज़र आता हूँ ,जब जिस किरदार में होता हूँ। लेकिन मै अपने असली किरदार से बेखबर नही हूँ।
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18 FEB 2022 AT 8:57

वक्त की नाजुकता में भी एक मजबूत ढ़ाल बनो,
औरो के लिये न सही तुम खुद के लिए मिसाल बनो।
वक्त के तराज़ू में अपनी हस्ती को यूँ न कम आँको,
छोटी सी ज़िदगानी मे हर पल में साल दर साल बनो।।
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29 DEC 2021 AT 13:57

हालातों के अलावों मे ही तपते रहे कुछ हाथ।
मजबूरी की फटी कंबल में ही निकलती रही सर्द रात।।
ठंड का कहर कुछ ठहर जाये या फिर सबके बदल जाये हालात।
पैसो की तंगी जान पर न हो हावी,हो मानवीयता की जयकार।।

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29 DEC 2021 AT 13:15

बरसात की रात जब छाता नही था हमारे पास।
सर्द हवाएँ भी तेजी से चल रही थी आस पास।
फिर क्या कुछ ही पल में ठिठुरने लगे हाथ पाँव
वही हुआ जिसका डर था छींके आने लगी बार- बार।
दूसरे दिल गले में भी हो गई ख़राश,
मुस्कुराता चेहरा एकदम से जैसे हो गया उदास।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता का भी शीघ्र होने लगा ह्रास।
मन ही मन सोचने लगे बरसात में भीगे ना होते काश!
तब से बरसात के दिनों में अपना छाता रखते है पास🤗



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