सीख जाएंगे हम भी जिंदगी जीने का हुनर,
या तो बुजुर्गों की बातों से, या बदलते हालातों से।-
किरदार कुछ यूं निभाना ज़िन्दगी के रंगमंच पर,
कि पर्दे पर नहीं, दिलों में छाप छोड़ जाना।-
In a world full of fake promises and broken relationships, be someone's definition of true love.
-Tanu Sahu-
लाइलाज़ है तभी तो इश्क़ है,
अगर इलाज होता तो बीमारी कहलाता।
तुमसे इश्क़ ना हो किसी को हमारे सिवा,
इसकी दवा मैं सबसे पहले बनाता।-
आज फिर दिल में ख्वाहिश सी जगी है,
उस बचपन में लौट जाने की।
मां की गोद में सिर रख कर सो जाने की,
पापा से खिलौने की ज़िद मचाने की,
नाना के साथ नदी किनारे वाले मेले देखने जाने की,
और नानी से परियों वाली कहानी सुन पाने की।
आज फिर दिल में ख्वाहिश सी जगी है,
उस बचपन में लौट जाने की।
वो वक़्त ही कुछ और था,
बस खेल कूद, दोस्तों और अपनों का दौर था,
हो जाती थी कभी गम की बूंदा बांदी,
जब होती थी पिटाई, जब बिगड़ता कोई तौर था,
कुछ बंदिशें भी थी,कुछ पाबंदियां भी लगती थी,
पर जीने का सलीका तब भी बे-तौर था,
यूं तो बहुत आगे आ गए हैं उस खुशियों के दौर से,
पर फिर भी ना जाने क्यों,
आज फिर एक ख्वाहिश सी जगी है,
उस बचपन में लौट जाने की,
मां की गोद में सिर रख कर सो जाने की।-
बिछड़ना तो कुछ यूं बिछड़ना कि मुझे मौत मिल जाए,
क्योंकि सिर्फ सांसे चलने को जिंदगी नहीं कहते।-
बेशक दुनिया में बहुत बेहतरीन लोग है,
तुम्हें खोने के फिर भी ना कोई इज़ाले हैं।
तुम मंज़िलो की बात करते हो,
जो रास्ते तुम ना जाए, हमने उन रास्तों से भी बैर पाले है।-
रूबरू तो हो कभी एक बार खुद से,
मेरी कमियां कम नज़र आएंगी।
दामन तो झांको कभी अपना भी,
तुम्हारी खुद की गलतियां तुम्हें सताएंगी।
गलतियां कुछ हमने भी की हैं, कुछ तुमने भी की हैं,
मेरी तो सिर्फ तुम्हें गुस्सा दिलाएंगी,
तुम्हारी वाली तो तुम्हें ता उम्र डराएंगी।
तो फिर क्या पाक साफ दामन का डंका बजाते फिरते हो,
गलतियां हैं, कुछ ना कुछ सीखा कर ही जाएंगी।-
तलब अगर जाम-ए-शराब की होती, तो कब का बुझा लेते,
ये जो तेरे इश्क़ की तलब है, इसे कैसे बुझाऊं?-
ऐसे कैसे बिख़र जाने दे ज़िन्दगी को, मन में ख्वाहिशें जीने की कब रद्द होती है।।
और कब तक आजमाएगा वो आजमाने वाला, आख़िर आजमाने की भी हद्द होती है..-