আজও আমি খোলা জানালার দিকে তাকিয়ে
তুমি আসবে বলে।।-
তুমি তাকে চাঁদের সাথে তুলনা করো, আর বলছো সে নিষ্পাপ।
মনে রেখো চাঁদেরও কিন্তু কলঙ্ক থাকে।।-
तुम कोमल, निश्छल, निर्मल, शीतल सुगन्धा
जैसे चंदन
मैं कठोर, अचल, अडिग, आश्वस्त, हठी सा
जैसे शीशम।
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स्त्री प्रेम में बहुत कुशल होती है क्योंकि जैसे वो अपने
केश संवारती है वैसे ही वो प्रेम करती है, एक बाल का टूटना
भी उसे शोक से भर देता है...!!!
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अब तो बंद भी कर दो रेत पर मेरा नाम लिखना. तुम सोचती हो लहरे आकर मिटा ही तो देगी कुछ देर बाद. लेकिन ऐसा नहीं है वो लहरे अपने साथ ले जाती है मेरे नाम की छाप और बन कर बादल जब बरसती है मेरे शहर में तो हर एक बूँद से तुम मेरा नाम पुकारती सुनाई देती हो. मै पागल सा हो जाता हु अक्सर ऐसी बारिशो में. इसलिए कहता हु अब तो बंद भी कर दो रेत पर मेरा नाम लिखना.
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सुनो सखा,
मेरा व्यक्तित्व और अस्तित्व मात्र तुमसे ही है।
ईश्वर का धन्यवाद जो तुम जैसा मित्र दिया।
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मुश्किल वक़्त में जो साथ दे, वो हमसफर
काश कोई हमसफर होता उसके जीवन में
जो दिल की बात समझ सकता था
अक्सर लोग अपनो को पहचानने में देर कर देती है
और उसे मज़बूर कर देते हैं अपनी जान देने में
RIP Kushal Punjabi 😔-
बिछड़े हैं हम गर, तो एक दिन मिलेंगे जरूर,
अभी कुछ हम हैं मजबूर, अभी कुछ तू है मजबूर।।
ये दूरी, ये बंदिशें, क्या तुझको रोक पाएँगी?
जब काली तन्हा रातों में तुझको, मेरी यादें आयेंगी।।
रोयेगी छुप-छुप कर तू, उन काली तन्हा रातों में,
कभी करेगी खुद से बातें, कभी खोएगी मेरी बातों में।।-