QUOTES ON #KKDRPANCHHISINGH1

#kkdrpanchhisingh1 quotes

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4 JUN 2022 AT 11:51

इज़हार–ए–इश्क़ (ग़ज़ल)

आरज़ू ये है की इज़हार–ए–इश्क़ कर दें।
अल्फाज़ चुनते हैं तो लम्हें बदल जाते।

इज़हार–ए–इश्क़ दिल का अजब हाल कर दे।
आँखें तो रजामंद हैं लेकिन लब सोच रहे।

इज़हार–ए–इश्क़ करना दिल को नहीं आ रहा।
लेकिन इस दिल को बिन तेरे रहना भी नहीं आता।

इज़हार–ए–इश्क़ का मज़ा तब मुझे आए।
जब मैं ख़ामोश रहुँ तेरा दिल बेचैन रहे।

तेरे लिपट कर आज़ दिल इज़हार–ए–इश्क़ कर रहे।
तेरे बाहों के पनाह में आकर तुझ में खो रहे।




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16 JUN 2022 AT 10:33

“संघर्ष जीवन के”


संघर्ष जीवन के होश संभालते ही शुरू हो जाता।
संघर्ष से ही जीवन सुंदर और सुखमय हो पाता।

संघर्ष ही हमें जीना सिखलाता यही हमें सफलता भी दिलवाता।
धन से भी ज्यादा क़ीमती जीवन अपना ये हम सब को बतलाता।

संघर्ष जीवन नित्य नया आयाम शिखर पर पहुंचता।
जीवन में नया जोश नया उम्मीद का संचार भर जाता।

जितना मेहनत जितना संघर्ष कामयाबी जीत का उतना ही शानदार होता।
संघर्ष और सब्र जीवन का हर जीत का मीठा फल कहलाता।

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4 JUN 2022 AT 12:28

घूंँघट की आड़ (लघुकथा)
अनुशीर्षक में👇👇://

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4 JUN 2022 AT 11:37

सदाचार (कविता)
धन, जन, बुद्धि अपार
लेकिन सदाचार बिन सब बेकार
दान से दरिद्रता का सदाचार से दुर्गति का
उत्तम बुद्धि से अज्ञानता का सदभावना से भय का
इंसान के जीवन पर ये सारे बहुत प्रभाव छोड़ जाते
सदाचार की करो रक्षा दुराचार से रहो कोसो दूर
सदाचार से आता मर्यादा खुशियाँ देता अपरंपार
जीवन में सदाचार जीने की सच्ची कला सिखलाता

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12 FEB 2022 AT 15:07

“Valentine's Day”
रचना नंबर 8

लफ्ज़ों से कहांँ बयांँ होती हैं प्यार की बेचैनियाँ
ये तो बस महसूस की जाती हैं दिल की धड़कनों से
इश्क़ की उम्र नहीं होती ना ही होता समय या कोई दौर
इश्क़ तो इश्क़ है जब होता तब बेपनाह और बेहिसाब
होता है जब प्यार दिल के क़रीब
दिल दुआ करता वक्त यहीं रुक जाए
सिर्फ़ एक ही तमन्ना हसरत बन गई
जो थी सिर्फ़ दोस्ती वो मोहब्बत बन गई
कुछ इस तरह शामिल हुए ज़िन्दगी में वो
मेरे दिल और ज़िन्दगी को अब आपकी आदत सी हो गई
दिल के कोने से बस एक ही आती है आवाज़
ये दिल मेरा मर मिटा है उनकी सादगी पर
अब मेरे सांँसों पर अब तेरा हक़ हो गया
ऐसे ही यूँही ज़िन्दगी भर हमारे प्यार का वैलेंटाइन्स डे मनता रहे।
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12 FEB 2022 AT 14:30

“Rose Day”
रचना नंबर 1
प्यार तो बस एक इत्तेफ़ाक है
प्यार दो दिलों की मुलाकात है
प्यार हर ग़म भुला देता ज़िन्दगी में
प्यार तो खिलता हुआ एक गुलाब है
गुलाब सी खुशबू बन महक जाओ
ज़िन्दगी में कांटों की परछाई ना हो
गुलशन से चुन लाया आज एक गुलाब हूंँ
लाया आपके लिए ख़ुद आप एक गुलाब हैं।
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4 JUN 2022 AT 12:00

सामाजिक दायरे (चिंतन)

मानव एक सामाजिक प्राणी है और मानव विकास में सभ्यता का योगदान रहा। एक सुंदर स्वस्थ समाज में रहने के लिए हर इंसान को इस समाज के कुछ बनाए दायरे में रहते हैं जिससे किसी तरह की किसी को भी मानसिक, शारीरिक, आर्थिक पीड़ा ना झेलेनी पड़े। लेकिन कुछ लोग समय के साथ इसका दुरुपयोग में करने लगे हैं। जो कि नहीं होना चाहिए हमें अपनी सद्बुद्धि से इस दायरे को जो हमारे हित में हैं मानना चाहिए।

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12 FEB 2022 AT 14:42

“Kiss Day”
रचना नंबर 7

अपने होठों से जो तेरे होठों को छुआ मैंने
हुआ मुझे एहसास कुछ इस तरह कि
जैसे रूह में रूह बस समा गई हो
मेरा प्यार एक अफसाना
मेरा प्यार एक खज़ाना
लबों ने लबों को क्या छुआ
मेरे दिल में कुछ हलचल सर हुआ
सिर्फ़ एक पानी ही नहीं प्यास बुझाने के लिए
आपकी नज़र से नज़र क्या मिली
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी
जुबां से हम कुछ ना कह सके
बस लबों से लबों की बात हो गई।
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21 MAY 2022 AT 17:14

पहला प्यार
(कहानी)
अनुशीर्षक में

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12 FEB 2022 AT 14:39

“Hug Day”
रचना नंबर 6

तेरे बाँहों में आकर ज़िन्दगी जन्नत हो गई
सारी की सारी दुनिया खूबसूरत हो गई
थीं दूरियाँ तुमसे हर ख्वाहिश थी अधूरी सी
अब तो आरज़ू है कट जाए तेरे बांँहों में ज़िन्दगी मेरी
बाहों के दरमियाँ में कोई दूरी ना रहे
सीने से लगा लो कोई चाहत अधूरी ना रहे
अपने बांहों में आज बिखर जाने दो
सांसों में बसा खुशबू बन महक जाने दो
दिल बेचैन था कबसे क़रीब आने के लिए
आज तो मुझे अपने सीने में उतर जाने दो।— % &

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