सजने को जरूरत हो,
जैसे आसमां को इन तारों की।
मुझ बंजर को जरूरत है,
तेरे इश्क़ की बारिशों की ।।-
मैं उन कितबों के पन्नों में क्यूँ उलझ गया
कंही ये तेरे क़ीमती ज़ुल्फ़ के साये तो नही-
कतका जोरबे काग़ज़ पान
कतका कमाबे जाँगर जान
फेर दारु ले हे सुगघर धान
मन ले मया त जीवन शान
मया दया हवे इंसानी पहचान
हांथ ज़ोर दिस तेने हवे महान-
खो गया हूं तेरी तलाश में
दे दे मुझे खबर।
जाना तो तुम्ही तक है ना
बन जा मेरी रहबर।।-
डूबे तेरी आंखों में
जब कि दरिया बहुत सारा है।
रंग तो बहुत है पर
बंदा दिल कत्थई का मारा है।।-
फूल ज़रूर थी मेरे बाग में
गर किसी और के लिए मुस्काई।
चीजें बहुत सारी मांगती
गर पसंद किसी और की बताई।
असल में..
कुछ था ही नहीं हमारे बीच
यह एहसास कई वक्त ने दिलाई।-
कहीं नहीं मिली खुशियों का शहर
मैं ढूंढ लिया हर द्वार पे।
रहम करना भाई 2023
ले आना नया साल की त्यौहार पे।-
मुझ सूरज को गुरूर था
अपनी चमक पर।
जब उसे देखा तो
ये रोशन फीका हो गया।।-
कुछ सितारे चमकना छोड़ दिए है
ना जाने इस आसमान से क्या गलती हो गई।
ये परिंदा तो जब भी उड़ा उसके ही डाल बैठा
फिर ठिकाना क्यों बदली हो गई।।-
ये तमाम मुहब्बत तेरी है
बड़ी शिद्दत से चुराया था।
रखो इसे तुमने तो F I R
भी नहीं कराया था।। 😔-