QUOTES ON #JUSTICEFORMAUMITA

#justiceformaumita quotes

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29 AUG 2024 AT 16:23

क्या लिखूँ, आज तो मेरी कलम भी रूक सी गई है,
दर्दनाक चीखें अब सुर्खियों में बदल गई है।
रूह तड़पती, मोम सी पिघल रही,
इंसाफ़ की आस में फ़रियाद कर रही।

कब तक चलेगा कब थमेगा, ये हैवानियत का किस्सा,
कितनी और हवस का शिकार होगा, मासूम जिस्म का हिस्सा।
मान सम्मान कि बात अलग, इंसां भी ना समझा,
फीका पड़ेगा जब शोरगुल, तब अगला कौन होगा।

बेखौफ़ जीना भी खौफनाक सा लगता है,
हर गली-नुक्कड़ पर शैतान बैठा मुस्कुराता है।
दर्दनाक सजा-ए-मौत जब तक मुकर्रर ना होगा,
ये सिलसिला ना जाने कब तक चलता ही रहेगा।

वस्तुकरण समझ स्त्री की अस्मत लुटता है,
माँ के अस्तित्व का भी उलंघन करता है।
मर्यादा, इज़्ज़त का पाठ बालपन से लड़कों को देना,
संस्कारों में पहली नीव स्त्री सम्मान की रखना।।
#justiceformaumita #

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30 AUG 2024 AT 1:13

जब भी किसी पुरुष की हैवानियत
का शिकार कोई स्त्री होती होगी…
उस दिन कोसकर ख़ुद को,
उस हैवान को जन्म देने वाली
स्त्री भी ज़रूर फूट
फूटकर रोती होगी…

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पता नहीं कौन मोमबत्तियां जलाना सिखा गया हमे वरना
नारी के सम्मान मे तो लंका दहन और महाभारत करने की संस्कृति थी हमारी।
#justiceformaumita

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18 AUG 2024 AT 0:10

Khwahishe bhahut thi mere par afsos unhe pura kar na paye..
Aasman chune ke chah thi mere par inn zameen ke darindo se lad na paye...
Maa baba ka sahara banna tha mujhe par unke sth chaar kadam chal na paye...
Socha tha ek naye kahani likhungi par afsos khud ek qissa ban ke rhe gye....
Padh ke desh bachana tha mujhe par mai khud ko iss desh se bacha na paye....

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18 AUG 2024 AT 21:00

हर भाई आज संग खड़ा है,
बहन के लिए आज लड़ा है।
देख बहन तेरे चारों ओर,..
कितनो का संग तुझे अब मिला है।

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16 AUG 2024 AT 22:17

हे नारी :

अब अबला बनने के दिन गए
तुम खुद में ही क्रांतिकारी बनो,
नहीं बचाने आएगा अब कोई
हे नारी, तुम खुद ही शस्त्रधारी बनो!!

इंसाफ मांगने के दिन गए
तुम खुद ही न्यायाधीश बनो,
इन दैत्यों से बचने के लिए
तुम लक्ष्मी नहीं दुर्गा-काली बनो,
हे नारी, तुम खुद ही शस्त्रधारी बनो!!

हे माँ शस्त्र उठाओ अब
रक्षक बनो भक्षक बनो,
अब दुनिया में गोविंद नही बचे
तुम खुद ही चक्रधारी बनो,
हे नारी, तुम खुद ही शस्त्रधारी बनो!!

बहुत हो गए चीर-हरण अब
बहुत जला चुके मोमबत्तियाँ
अब और इज्जतें नहीं लुटेंगी
द्रौपदी तुम खुद ही गोविंद बनो,
तुम खुद ही शस्त्रधारी बनो,
हे नारी, तुम खुद ही शस्त्रधारी बनो!!

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26 AUG 2024 AT 1:08

जिस दिन बेटों को समझा दी जायेंगी हदें उनकी…
उस दिन बेटियों के लिए लक्ष्मण रेखा नहीं खींचनी पड़ेगी…

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16 AUG 2024 AT 12:33

हजारों खयाल टकराते है
मन ही मन वो काली रात की घटनाओं को फिरसे दोहराते हैं
ल़डकियों कि चीख आज बुलंद तो नहीं फिर भी कुछ नामर्द यूँही डरते रहते हैं

आज़ाद जब पहले से ही हो चुके हैं हम
किस बात की है ये लढाई

मर्दानगी साबित करना हे कईयों को
पर दिल तक पहुंचने कि काबिल नहीं

इतना आसान है क्या मर्द बनना
कामुकता कि राह में चलते हो
और खुद को प्यार की राही समझते हो

जानवर भी बिन इजाजत अपने प्रेमी को छुते नहीं है
फिर किसी और की अमानत को बलात्कार कर अपने आप को इंसान ठहराते हो

धिक्कार है तुम्हारे परवरिश पर

दुःख तो उस मां के लिए लगता है जिसने नौ महीने तक तुम्हारे जैसे दरिंदों को अपने कोक में झेलती है
तरस आता है उस बाप पर जिनकी मेहनत की कमाई से तुम्हें अनाज मिली है.

Chikun panda


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27 AUG 2024 AT 21:42

जिनकी वजह से अस्तित्व है तुम्हारा…
उनका वजूद मिटाने पर क्यूँ तुले हो तुम…

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