आदर्श शुक्ला   (छोटी उम्र का शायर)
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Joined 31 March 2021


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Joined 31 March 2021

कभी जख्मों के बादल को हटाना मुश्किल होता है,
पुराने से, नए रिश्ते को निभाना मुश्किल होता है!
गुजर जाती हैं कई सदियां किसी को अपना कहने में,
किसी की याद को दिल से मिटाना मुश्किल होता है!!

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उड़ान के लिए
हम तो ठहरे नाचीज परिंदे
हवा रुख भी मोड़ दे हम राह नही छोड़ते

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हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है,
वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता !
“हैं और भी दुनिया में सुख़न्वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का था अन्दाज़-ए बयां और”

उर्दू जुबां के प्रसिद्ध शायर मिर्जा गालिब की पुण्यतिथि पर नमन

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आज कर दिया मैने
फिर हुआ यूँ कि उसने
कुछ बोला ही नही
बढ़ाया जो कदम उसे
फिर पीछे लौटा लिया

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गुलाब,इश्क़,प्यार भाई ये सब धोखा है
अभी भी वक़्त है मेरे भाई पढ़ले मौका है

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उसी से रूठकर उसको मनाना
दिलों की तो यही नादानियाँ है।

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बहुत दिन बाद आया हूँ कोई तो हाल पूछो
गुमनाम हो गये है हम अपने ही परिवार मे
रहते थे यहाँ और लिखते भी थे कुछ शब्द
लेकिन अब तो अकेले हो गये है दो-चार मे
लगी है दौ इस विरह मे कि उठ नही सकता
जैसे कोई आशिक तोड़ा गया हो प्यार मे
मिलेंगे फिर किसी मोड़ मे वो प्यार के पंछी
करते थे गुफ़्तगू वो पंडित अपने दोस्त यार मे

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करके सारे सिकवे गिले को दरकिनार
मैं अब भी करता हूं तूझसे प्यार।
चाहे सारी दुनिया करती मुझसे प्यार
एक तुझको ही है मुझसे बड़ा खार ।
तेरे नैन कजरारे रंग गोरे जुल्फ काली घटा
गाल का तिल सब है कातिल।
तेरा सारा कहा सुना है माफ एक बार
लहरा के बलखा के गले मिल जा यार।
- पंडित आदर्श शुक्ल

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राखी आई खुशियाँ आई,आनंद से ऑंखें भर आई।
बहन भाई का प्यारा रिश्ता,ऐसा प्रेम कहीं नहीं मिलता,
राखी ले कर बहना आई।आनंद से ऑंखें भर आई।
रेशम की डोरी का धागा,सूनी कलाई पर आ बांधा,
नैनों की भौंहें खिल आई।आनंद से ऑंखें भर आई।
छोटे बड़े भाई का कहना,राखी बांधों प्यारी बहना,
फूलों सी सूरत खिल आई।आनंद से ऑंखें भर आई।
कर्णावती पर संकट आया,हमायूँ को हाल भिजवाया,
राखी ने आन लाज बचाई।आनंद से ऑंखें भर आई।
सावन शाह महीना आया,राखी पर्व मनोरम लाया,
मेघों ने आ बरखा बरसाई।आनंद से ऑंखें भर आई।
कच्चे धागे की है डोर नहीं,दिखलावे का भी शोर नहीं,
मन मंदिर प्रसन्नता लाई।आनंद से ऑंखें भर आई।
चाँद तारों सी चमकीली,मान मर्यादा भरी गर्वीली,
बहना को भाई घर लाई।आनंद से ऑंखें भर आई।
पंडित दे रक्षा का वादा,प्यार कभी ना होगा आधा,
लाख शोभन शोभा बढ़ाई।आनंद से ऑंखें भर आई।
राखी आई खुशियाँ लाई।आनंद से ऑंखें भर आई।

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इस रक्षाबन्धन पर हम प्रण ले कि
हम अपनी बहनो को एक सुंदर
सुशील भाभी लाकर देंगे।🙈

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