आज किसी ने पूछा तुम अपने दिल की कब से सुनने लगे
हमने भी हसकर कह दिया जब से तुम इसमे रहने लगे।-
हवा सी बहती हू मे जाना
लहरो सी टकराते हो तुम
छूकर यु मुजसे बह रहे हो
बता तेरा ठिकाना है क्या
पागल सी मे ढूंढू तुजे
फिर भी ना मिला तु मुजे
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बात वफादारी की निकली ही है आज तो
बता ही दू राधा नही रुक्मणी बनना था तेरी ।-
जिंदगी कब खतम होगा तेरा खेल बता ही दे,
कब तक मे फिल्डींग करूंगी और तू बेटींग,
इक मौका हमे भी तो देबताते है तुजे,
"कितनी मजबूत है मेरे इश्क की डोर"।-
नही रो सकती तु नही थम सकती तु
तुजे तो हर हाल मे जीना है तुजे तो हर रिश्ता निभाना है ।
नही है तु कमजोर नही है तु लाचार
तुजसे ही तो ये जीवन है तु ही तो जन्मदाता है
तुजसे ही तो हर रास्ता जुडा तु ही तो जग का आधार है
नही है तु अबला नही है तु बेसहारा
तुजसे ही हर शक्ति है तु ही तो एक शक्ति है
तुजसे ही तो ये दुनिया है तु ही तो जीवन की आशा है
तुजे दिखाना है उनको जिनको लगती तु अबला
उन्हे अच्छा लगे ना लगे हर फजॅ निभाना है
वो है परेशान तुजसे हो रहा खत्म एकाधिकार उनका जो
करेंगे तमाशा एक दिन अगले ही दिन भुल जायेंगे तुजे
womens day womens day करेंगे फिर घर मे ही दफनायेगे तुजे
लक्ष्मी को पूजेगे मंदिर मे और दुगाँ को लूटेंगे घर मे
तु ही तो हे नारायणी तु ही तो है जगदंबा
तुजे ही अपना वजुद बनाना है तुजे ही अपना मूल समजना है
नही रो सकती तु नही थम सकती तु
तुजे तो हर हाल मे जिना है तुजे तो हर रिश्ता निभाना है।
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तुमसे ना अब शिकायत करेंगे
ना ही अब कोइ सवाल करेंगे
तेरी हर वो बात मानेंगे
तुजसे ढेर सारा प्यार करेंगे
"जाना" अब तो लौट के आजा।
तुमसे ना अब गिला शिकवा करेंगे
ना ही अब कोइ सवाल करेंगे
मानती हूं गलती हो गइ मुजसे
अब ना ही वो गलती करेंगे
ना ही तुमे खुद से दूर करेंगे
"जाना" अब तो लौट के आजा।-
हमसफर होके भी कीतने दूर हम
एक दूजे के सामने होकर भी
एक दूजे से लाखो दूर हम
सोचा ये कैसा फासला तेरे मेरे बीच
फिर याद आया नदी के दो किनारे हम
जैसै ही साथ चलती रेल की पटरीया
वैसै ही साथ चलते नदी के किनारे
भले ही ना मिलती पटरिया एकदूजे से
पर हमेशा मिलते हम समंदर मे
भले ही नदी के दो किनारे हम।-
तेरे इश्क का नशा कुछ ऐसा चढा मुजपे
चुटकुले पर भी हसती तो लोगो को वजह तुम ही लगते ।-
जहां मेने इशारा करके तुमे बुलाया था ।
वो खुशनुमा सुबह की पहली मुलाकात याद है?
जब मेरा हाथ तुम्हारे हाथो मे था ।
उस वक्त तो अंधेरा था पर मेरे चहेरे पर रोशनी थी
जानते हो तुम उस रोशनी की वजह?
कैसै भूल सकती हूं मे वो हमारी पहली मुलाकात
जब पहली बार तुने मेरा हाथ थामा था ।
बस उसी वक्त तय हो गया था "तुम तो सिॅफ मेरे हो"।
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