समाज कि संकिड़ता क्या प्रतीक है ये
दिलवालो को नामांज़ूर है ये
तोड़ दे दुनिया कि दीवारे.......
मिलके रहे प्रेम दीवाने-
15 MAY 2021 AT 16:07
31 MAY 2021 AT 17:06
तेरी याद रात दिन तड़पाये
क्या ये ही इश्क़ हैं
बेचैनी बेताबी बेहिसाब क्या ये ही सौगात हैं
तेरे इश्क़ का आगज़ हैं-
15 MAY 2021 AT 6:34
तेरे इश्क़ कि आग जलाये मुझे दिन रात
कभी तो रेहम कर ओ मेरे हमराज़
करती हूं सफर मैं तेरा........
करती हूँ सफर मैं तेरा.......
डाल अब तो इस दिल मैं डेरा
तेरी हो चुकी हूँ आगोश मैं खो चुकी हूँ
बनकर अनजान... ना दे इलज़ाम-
20 MAY 2021 AT 12:21
जो मज़ा तड़प मैं हैं हासिल मैं कहाँ
चाहते हो जुस्तजू रहे सदा.....
रहो हमसे फिर जुदा...........-
19 MAY 2020 AT 7:13
तमाम उमर गुजारी है इंतज़ार में
फकत एक रात नही
फिर भी कहते हो
मुझसे प्यार नही-
22 MAY 2021 AT 9:10
पागल हो दीवाने हो प्यार मैं मेरे परवाने हो
जलना तो फितरत हैं तेरी शमा के जो मस्ताने हो
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15 MAY 2021 AT 5:25
मिलते है हज़ारो यहां पर कोई तुम सा नहीं
दीवाने है लाखों मगर पर कोई तुम सा नहीं
इश्क़ हुआ है मुझे......तुझसे ही
है.....दावेदार बहुत पर कोई तुम सा नहीं-