क़लम में शायरी भी है नसीहत भी।
इश्क भी, राज़ भी है हकीकत भी।
पसंद करते रहें मेरे भी अल्फ़ाज़ को।
और देते रहें कीमती तास्सुरात को।-
कलम में आपके बड़ी गहराई है।
स्याही में तर्जो सुखन समाई है।
बयां करतीं दिल के गहरे राज़ हैं।
जुदा अंदाज़ की मलिका ये नाज़ हैं।
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कमाल की कलम चले, धार पैनी भी है।
हर मौजू पे कलम चलाने का हुनर भी है।
रंगीं अंदाज़ और मोहब्बत के कासिद है।
मुनफरीद कलमकार मिस्टर साजिद हैं।
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गर्मी में जैसे ठंडी राहत की तरह।
वो एक पाकीज़ा आयत की तरह।
लफ़्ज़ों में अहसास पिरोती है ऐसे,
शायरी से हो जैसे चाहत की तरह।-
हर एक मौज़ू पे बड़ी बारीक नज़र रखते हैं।
आपकी शायरी में उम्दा तर्ज़ो सुख़न बसते हैं।
शायर ही नहीं आप बड़े दानिश्वर हैं।
तख़ल्लुस क्या ही उम्दा सुख़नवर हैं।-
जब जब सजाते हैं ग़ज़लों का गुलदान।
एक आग लगा देते हैं महफिल में रेहान।
ग़ालिब नहीं पर अंदाज़ वही है मिर्ज़ा का।
लिखने का अंदाज़ निराला ऊंचे दर्जा का।-
फलक पर तारों के बीच जैसे माहताब।
वैसे ही शायरों के बीच अली आफताब।
पिरोते हैं शायरी में हर रंग हर ख़्याल,
करते हैं फराहम हमें कलामे नायाब।-
तहरीर में जिनके हैं अहसास की बूंदें।
लफ्ज़ लफ्ज़ घुली हुई जज़्बात की बूंदें।
कविताएं हैं नायाब इनमें कोई न लोच है!
बहुत ही उम्दा कलमकार सीमा कटोच है!-
हर तरह के रंग भरे हैं क़लम में आपके।
मुनफरिद मोजू से सजे कलाम आपके।
लिखते रहिए ज़माने की हर आवाज़ को,
और सराहते रहिए मेरे भी अल्फ़ाज़ को।
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अल्फ़ाज़ में जिनके सारे रंग अयां है।
और पुर लुत्फ जिनका अंदाज़े बयां है।
क़लम की तासीर इनकी ला ज़वाल है।
बेहद उम्दा शायरा रुखसाना इक़बाल है।-