सच कहने से वसवसे हुए
झूठ ब्यान हुआ तो जश्न देखा,
किरदार सच का छुपाये हुए
झूठों को सरे-बज़्म ज़ाहिर देखा,
सच को झूठ ने अपना सच बताया
सच को उस सच पर झूठा ऐतबार करते देखा,
कौन बच पाया वक्त के इन्साफ़ से "केसू"
सच को आसूदा झूठ को असीर देखा ,,,,-
9 JUL 2022 AT 23:31