हमसफ़र मेरे मेरे प्यार में तुम रंग जाओ मरने की तो बहुत वजह है मेरे पास तुम मेरे जीने की वजह बन जाओ सपनों मे तो अक्सर मुलाकात होती है अपनी कभी रूबरू मिलना भी नसीब मे लिखो मेरे सुबह उठते ही और रात सोने तक याद आती है तुम्हारी हाय ये इश्क़ की कैसी लगी है मुझे बीमारी हमसफ़र मेरे....................................!