हम ही अकेले नहीं थे उस सफर में
जब-जब हम मुस्कुराए, मुस्कुराए वो भी थे।
हम ही अकेले नहीं मिलने गए थे उनसे,
जब-जब हमने बुलाया, आए वो भी थे।
हमारे ही दोस्त अकेले नहीं छेड़ा करते थे,
जब-जब मैं गुजरी, सताए गए वो भी थे।
हमें ही अकेले नहीं उनकी वो चाल पसंद थी,
जब-जब हम चलते थे, बल खाए वो भी थे।
हम ही अकेले नहीं नजरें चुराते थे उनसे,
जब-जब हमने नजरें मिलाई, शर्माए वो भी थे।
हमें ही अकेले नहीं उनके होने पर गुरूर था,
जब-जब मेरा नाम आया, इतराए वो भी थे।
हमें ही अकेले नहीं गुस्सा आया उनकी बुराई पर,
जब-जब मुझ पर उंगली उठी, बौखलाए वो भी थे।
हम ही अकेले नहीं मोहब्बत करते थे उनसे,
जब-जब मुझे देखा, इश्क में आए वो भी थे।-
4 JUN 2021 AT 19:02
25 MAY 2020 AT 18:43
Wo humari chaao me baith kr
Hume hi mousami samjhte rahe
Aur hum har mousam me unhe
Halki kharoch se bhi chupate rahe!
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7 JAN 2018 AT 14:32
Hum wo h
Jo school me toilet jaane ke
Liye wo rasta chunte h
Jaha se aap ko dekh sake😊
#masoomsaishq #humwoh
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10 JAN 2018 AT 2:15