चाहत तो बहुत मुकाम की है,
जो सोचा है परवान हो जाए ।
फिलहाल ख्वाहिश है,
मेरी कलम आम हो जाए !-
If in my quotes,
i write me as heroine
and you as hero.
Fantastic! what else
would be required,
as proof of my
trustworthiness.-
अब , मेरे धड़कन-ए-रफ़्तार ।
न फरमाए , कोई तकनिक हुज़ूर ।
ये काम तो , कलम ने थामा है ।
गर , मेरे हाल से वाक़िफ होना है ।
तो , दिल की सुर्ख दीवारें न तलाशें ।
काग़ज़ के लफ़्ज़ों , पे नज़र फेर लें ।
-
कोइ मुझसे मेरा पता पूछे , तो शब्दों का बाज़ार बता दूं ।
आजकल इन्हीं शब्दों का , चादर ही तो ओड के सोती हूं ।
-
जनाब ज़िंदा हैं तभी ,
तो जेहेन-ए-हलचल बयां किया जाएगा ।
ज़िन्दगी-ए-अफसानें , कागज़ों पे चला रहें ।
मौत गले लगा लेगी ,
तो ख़ुद ब ख़ुद इत्तेलाह हो जाएगा ।
ख़ाक में मिलने बाद , कागजें भी आराम फरमाते ।-
कभी निराश नहीं करेंगे ,
जिस दफे स्याही बहाएंगे ।
इस ज़रिए , स्याही के मायने बनायेगे ।
आप बस गौर करने का सिलसिला , ज़ारी रखिए ।
हम जज़्बात कलम से , यूं ही ज़िंदा करते रहेंगे।
-
जिसे लिखने का शौक हो...
कलम भी उसकी दिवानी हो जाती है,
और अगर पढ़ने का शौक हो...
तो जिन्दगी भी कम पड़ जाती हैं।-
पन्नों पे नगीनें तराशती हूं ,
यूं ही ख़ुद को तलाशती हूं ।
खोफ़-इश्क़ इज़हार्ती हूं ,
हमनवां इसे मानती हूं ।
पन्नों पे नगीनें तराशती हूं ,
यूं ही ख़ुद को तलाशती हूं ।
-