QUOTES ON #HASITPBHATT

#hasitpbhatt quotes

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28 MAY 2020 AT 2:10

जाल-ए-अल्फ़ाज़ तुम्हारा मैं समझ न पाया,
तुम मेरे चांद थे और मैं यकीनन इक सितारा ।

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27 DEC 2020 AT 20:37

नसीहत गिरते पत्थरो को रुकने की, मूर्ख ही देता है,
बारिश की बूंदों को भी अपने अंजाम का पता होता है।

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2 SEP 2018 AT 12:39

जाओ, खानाबदोशों से पूछो कि सफ़र क्या होता है।
पिंजरे में कूद लिखते हो कि उड़ना तुम्हें पसंद है॥

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19 MAY 2019 AT 19:15

The first time I read Harry Potter,

I couldn't understand nor believe how a soul or heart can be divided into pieces. And even when unicorns could have been real, this child couldn't
believe how a single soul can reside in multiple places.

But I've left home too many times since then.

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12 NOV 2018 AT 22:27

घर ऐसी बरसात है कि कितना भी भीग जाओ,
सूखे रह जाने का गिला रह ही जाता है।

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9 OCT 2021 AT 1:26

दिल में छुपाए रखा है कुछ जो कहने से डरता हूं।
अंजाम उसका सोच अंदर ही अंदर मरता हूं।
बारिश का मेघधनुष समझ रहे हो मुझे लेकिन,
सूरज हूं प्रज्वलित, कैसे बताऊं मैं भी जलता हूं॥

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26 NOV 2018 AT 1:36

काग़ज़ भी मैं, कलम भी तो मैं हूं।
डर रहा है‌ जो, मैं हूं, डराता भी मैं हूं॥

आंखों देखी, कानों सूनी, अनबनी बातों का
मंदिर भी मैं, कूड़ेदां भी तो मैं हूं ॥

बस कुछ चंद लकीरों के जरिए,
ज़िंदगियां जी जाता साहिर भी मैं हूं॥

सब निगल जाता समंदर भी मैं,
कश्ती भी मैं, मुसाफिर भी मैं हूं॥

जन्नत कहीं है अगर तो मैं हूं ।
जहन्नुम गर है तो ज़हन मैं हूं ॥

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30 APR 2018 AT 20:29

जिंदगी तेरे खेल में, मैं बार बार रोया हूं।
अपनी प्यास बुझाने, मैं चौधार रोया हूं॥

मंजिल जो थी मेरी, कहीं रह गयी है पीछे।
मेहनत की गाड़ी में, मैं दिन रात सोया हूं॥

बैठा हूं उम्मीद में, मिट जायेंगे किसी दिन।
अतित के सब दाग, ख्वाबों में भिगोया हूं॥

लगता है सबको, छिपता रहता हूं तुमसे।
क्या बताऊं उन्हे, तेरी ही जाल में खोया हूं॥

मुमकिन है कामयाबी मेरी बहुत छोटी लगे,
मगर न जाने कितने ठुकराए मौके पिरोया हूं॥

अब तो मीठे फलों की आश छोड दो 'हसित'।
मिल पाए जो मेहनत से, वही बीज बोया हूं॥

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12 JUL 2021 AT 0:09

छोड़ गए कहकर, किसी दोस्ती के काबिल ही नहीं है हम,
कैसे बतलाता उन्हें, तन्हाई बचपन से ही दोस्त है हमारी।

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3 SEP 2021 AT 2:03

झुर्रियां भी खुबसूरत लगती है जब आती है मां की याद,
खुबसूरत नक्शा छोड़ जाती है नदियां सूख जाने के बाद।

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