तू ही मोक्ष है तू ही अज्ञानता का नाश
तू ही विधाता तुझमें ही ज्ञान का वास
तू ही कर्मो का फल तू ही धर्म का सार
तू ही वेद तू ही संसार का हर पालनहार
तू ही जवाब तुझमें ही मेरे हर प्रश्न का हल
तू ही कष्टों का निर्वाह तू ही अथा प्रेम जल
तू ही सत्य शाश्वत तू ही असीम निराकार
तू ही शिव तुझ पर ही करू मैं जीवन वार-
मेरी भक्ति में इतनी ताकत है कि
मेरे महादेव ग़लत होने नहीं देते
भले ही मेरे मन का ना हो
पर वो वही करते है, जो मेरे लिए सही है!-
शिव में, ह्रदय सानिध्य कर निहित हो रही हूं
शिव के समक्ष मौन अल्पभाषी हो रही हूं
भक्ति, ध्यान, साधना से योगेश्वरी हो रही हूं
भाव विभोर होकर शिव में लीन हो रही हूं
करके समर्पित रूह को शिव से जुड़ रही हूं
बनकर शिव जैसी मैं अलौकिक हो रही हूं
शिव चरणों की फूल बन अर्पण हो रही हूं
महेकती रहूं सदा के लिए वो इत्र बन रही हूं
शिव में ही अंत, शिव से ही आरभ हो रही हूं
जोड़कर अस्तित्व मेरा शिव में अनंत हो रही हूं-
तू ही मेरी भक्ति तू ही मेरी शक्ति भोले
तेरी शरण में ही मुझे रहना है भोले!
मेरी श्रद्धा में, मेरे मन मेरी रूह में भोले
तू बसा है जैसे मेरे हर एहसास में भोले!
तेरी कृपा जब जब मुझ पर बरशी भोले
मैं न रुक पाई तुझे प्रेम करने से भोले!
मेरे हर कर्मो का मर्म तू जानता है भोले
मेरे ह्रदय के भाव तु समझता है भोले!
तू चाहे आबाद कर या बरबाद मुझे भोले
मैंने तो हर साँस तेरे नाम कर दी भोले!-
मेरी व्यथाओ को दूर करके
शिव विश्वास दिलाते है
जो जपते हैं हर हर महादेव
उसके दुख हर लेते है-
हे शिव शिवरात्रि पर सबको सद्बुद्धि देना
भांग में भांग कम और दूध ज्यादा मिला देना
जो भी आपकी दिल से पूजा अर्चना करें
उसे ज्ञान भक्ति और मनचाहा वरदान देना-
जल दूध अर्पण करू
बेलपत्र स्वीकार करना
भांग धतूरा आप के लिए
आप प्रसन्न मग्न रहना
बर्फी खीर का भोग लगाऊं
इत्र की खुश्बू से महेकना
भस्म श्रृंगार से सजाएं
स्नेह का दीपक जलाएं रखना
चंदन भस्म का तिलक करू
देना हो तो आपकी भक्ति देना
अगर जपु हर हर महादेव
तो हर समस्या का समाधान देना
रुद्राक्ष की माला धारण करू
धड़कते स्वन में शिव नाम सुनना
आंकड़े का फूल सौभाग्य लाएं
जीवनरूपी सागर को पार करना-
असलियत सामने आ जाती है
और मेरा भ्रम टूट जाता है।
धन्य है महादेव की भक्ति जो
सत्य और सच्चाई के मार्ग से
कभी भटकने नहीं देती।-
जब शिव हो सम्मुख
मैं भूल जाऊं सारे दुख
मंत्रों के जाप में शिव नाम
दे अनायास ही सारे सुख
सुंदर उसकी काया
अल्पभाषी उसकी माया
जो रटे हर हर महादेव
सदा रहे उसपर छत्रछाया
महसूस होता साथ उसका
जैसे अदृश्य पवन जैसा
पाकर मेरे शिव के दर्शन
हर कोई हो जाये धन्यसा-
उसे दुआ और प्रार्थना सुनने के लिए
शब्दों की भी ज़रूरत नहीं पड़ती!
बंद नेत्रों में बैठे त्रिकालदर्शी भोलेनाथ
ह्रदय के सारे भाव समझ लेते है!-