बेवक्त बेवजह मेरे दिल पर देते है दस्तक,
अपने दिल को जरा तहजीब सिखाओ ...-
खुश मैं रह लूँगा तुम बिन ये दिन भी निकल जायेगा
बातें अँधेरे में होगी दिल में जुगनू चमक जायेगा
आज दिल तोड़ने के फिराक में तुम हो
कल ये हूनर मुझमें भी आ जायेगा-
इतना मीठा था गुस्से भरा लेहजा उसका मत पूछ
जो भी उस पेड की छाओं में बैठ गया
उसकी मर्जी वो ज़िसको पास बैठा ले अपने
अब इस बात पर क्या लड़ना कि कोई और मेरी जगह बैठ गया
-तेहजीब हाफी
-
इस status और story
के ज़माने में
कोई है
जो गालिब और कैफ़ी से
लगते है
इस copy write के ज़माने में
तेहजीब हाफ़ी साहब है
जो
मीर तकी मीर से लगते है
जन्म दिन मुबारक हो हाफी साहब
-
तुम्हे हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो
तो फिर ये बताओ के तुम उसकी आँखों के बारे में क्या जानते हो
ये जॉग्राफिया फलसफा साइकोलॉजी साइंस रियाज़ी वगैरह
ये सब जानना भी अहम है,मगर उसके घर का पता जानते हो
Tahzeeb Haafi-
वो चाहे तो हर एक चीज़ को उसके अस्ल में ला सकती है,
सिर्फ उसी के हाथों से मेरी दुनिया तरतीब में आ सकती है।।-