रिश्तो को अना नहीं सब्र से संजोया जाता हैं...
अपनों को क्रोध से नहीं प्यार से संभाला जाता हैं...
और ये इतनी सी बात जो समझ जाता हैं ,वो ज़िन्दगी का हर लम्हा मुस्कुरा कर बसर कर जाता हैं |-
7 FEB 2019 AT 2:26
रिश्तो को अना नहीं सब्र से संजोया जाता हैं...
अपनों को क्रोध से नहीं प्यार से संभाला जाता हैं...
और ये इतनी सी बात जो समझ जाता हैं ,वो ज़िन्दगी का हर लम्हा मुस्कुरा कर बसर कर जाता हैं |-