दुनियां की हैसियत नहीं हमारी ख़्वाहिश लेने की
हम खुद के ही बादशाह है दुनियां के मोहताज नहीं
कुछ ख्वाहिशें है तेरे बगैर अधूरी कुछ अधूरे से हम वक़्त निकल गया उम्र बीती ना तेरे आने की ख्वाहिशें हो सकी पूरी हमारी ना पूरे हो सके हम-
जब मुहब्बत ने मेरी रूह को अलविदा कह दिया है
तेरी झुकी नज़रों को देख कर लोग क्या कहते हैं
हमने सुना है तारीफ तुम अपने नये महबूब की करते हो
मुझे यकीन तो दिलाओ की मेरी मुहब्बत की तमन्नाओ को
कफन तुम ने अपने हाथों से उड़ा दिया है हम ने सुना है
लोग तुम को तमन्नाओ का ताजमहल कहते हैं
तो क्या हुआ मुहब्बत मेरी अब भी आस में तुम्हारे
इंतज़ार कर रही है तुम ने तो खुद ही मेरी मुहब्बत की
कब्र का ताजमहल बना दिया है-
नहीं है धोखेबाज तो आज
कल के आशिक़ हैं जो बदनाम
इश्क़ को करते हैं कुछ समझो
खुद कुछ समझाने दो अपने
दिलदार को वशर्तें बदनाम ना
ना करो इश्क़ को जब से तेरी
आँखों में देखा है कोई आईना
अच्छा नहीं लगता है हम को
हम तो दीवाने हो गए हैं
आपके कोई और देखे तो
अच्छा नहीं लगता हमारे
मासूम से दिलदार के दिल को-
ये यह गुस्सा भी पहले प्यार था अब बदल गया है जो तुम बदल गए हाे वक्त के साथ
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ये तुम्हारी समझ गलत है
जिससे इश्क़ बेहिसाब किया
धोखा के नाम उसे मशहूर क्यों
करते हो उसने धोखा दिया ये
क्यों जताते हो तुम ने तो इश्क़ किया
है ना तो क्यों उसे बेहिसाब बदनाम
करते हो मुहब्बत छुपाने का नाम
है अपनी मुहब्बत की नुमाइश तो हर
कोई करता है जरा भी रुबरु न होने दो
अपने दिलदार को अपने इश्क़ से
कुछ ऐसी मुहब्बत कर के चलो ना
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर
की तेरी मुहब्बत के लिए बागी हो जाऊं
मुझे तेरी मुहब्बत की जन्नत में पनाह
मिल बस ये ही दुआ करती हूँ-
..कर्मों के फल..
ये हवा नहीं
अब ज़हर हैं.......
ये तेरी लालचता
का कहर हैं
जो तू खेला इस
मां के साथ
अब ये तेरे अंत
की लहर हैं
ये हवा नहीं
अब ज़हर हैं.......
हे Nature
हे धरती मां
अब क्षमा करों
हम बच्चों को मां
ये अब तेरे चरणों में
हम पापियों के शहर हैं
ये हवा नहीं
अब ज़हर हैं.......
-G.D.Jangid
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नज़र ने नज़र को नज़र भर के जो देखा।
नज़र को नज़र की नज़र लग गयी ।।
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Mana Ki main achcha nahin hun.
Per yaar itna bhi Bura nahin hun..
Ki koi Hamen achcha Lage.
To use propose Bhi Na kar sake..
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ज़िन्दगी की राह खुशी....
अब हर एक पल को हमनें
खुशी से जीना सीख लिया है
हर कठिन से कठिन पड़ाव को भी
हमनें पार करना सीख लिया हैं
यूं तो खुब खेली हैं ज़िन्दगी ने
मेरे साथ भी आंख मिचौली
पर अब हमनें भी
खेल-खेलना सीख लिया हैं
अब हर एक पल को हमनें
खुशी से जीना सीख लिया है
हर छोटी-छोटी परेशानी में
बहुत रोया हूं मैं
पर अब हमनें परेशानी में भी
हंसना सीख लिया हैं
अब हर एक पल को हमनें
खुशी से जीना सीख लिया है
ज़िन्दगी कुछ अच्छी लग रही हैं
अब पहले से
क्योंकि अब हमनें चेहरे पर
मुस्कान रखना सीख लिया है
अब हर एक पल को हमनें
खुशी से जीना सीख लिया है
-G.D.Jangid
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ये दुनिया बड़ी ज़ालिम हैं जनाब
अपना काम निकलवाने के लिए
सब रिश्ते-नाते बिक जाते हैं।।-