सिर्फ तूँ ही नहीं तुझ से भी गरीब बैठे हैं..
आंखों में दो रोटी की उम्मीद लिए बैठे हैं
पीला बेजान उसका चेहरा,फटे होंठ
झांक रहा होता है अक्सर अपने
आशियाने से
खाया होगा कभी उसमें पेट भर किसी
जमाने में
कुछ बड़ा नहीं उसका सपना बस एक
वक्त पेट भर जाए
अपना ना सही पर कहीं उसकी बीमार
मां भूख से ना मर जाए
क्या पता उसे दुनिया की सुविधाओं का
बीत रहा उसका जीवन बस दुविधाओं सा
क्या उगा क्या छिपा उसके लिए सब
एक जैसा है
कौन जानता है गरीब की मुसीबत सबको
प्यारा पैसा है-
hasi aati hai un mohhobaat ki addakaron par,, jo lockdown ke aad par mohhobaat ka fayad utharhe hai.....
arre jara mohhobaat kya hai sikho uss garib maa se jise pata hai bahar jana munasib nehi,, pr apni jaan ki jaan ke liye itna bada jokhim utharhi hai....-
कल देखा मैंने वो मंजर;
जब रास्ते से गुजर रहा था।
कोई खरीद के खुश हो रहा था,
तो कोई बेच के खुश हो रहा था।
वो, खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था।
असल में वो खिलौने नही अपना बचपन बेच रहा था,
गरीब का बच्चा था; दर्द के साथ खेल खेल रहा था।-
✊🏻गरीब की बस्ती में जरा जाकर तो देखो वहां बच्चे भूखे तो मिलेंगे पर उदास नहीं...दान करना ही है तो भूखे को रोटी दान करे..🙏🏻
ऐ इंसान कब तक मंदिर मस्जिदों को करोड़पति बनाता रहेगा..😓-
किसी की गरीबी
का मजाक मत
बनाना यारो क्योंकि
कमल अक्सर
कीचड़ मे ही पैदा
होते है,-
जो रो कर सोया था भूख के मारे
वो बच्चा...
नींद में भी मुस्कुरा रहा था
अजीब सी रौनक थी उस चेहरे पर
शायद सपनों में कुछ खा रहा था...!!!-
भूख का पता सड़क के किनारे मिला
जब औकात भूले इंसान खाना कचरे में फेंक कर
मुँह बना रहे थे और...
उसी खाने से भूख मिटा कर कुछ चेहरे मुस्कुरा रहे थे...!!!-
दान करना ही है तो गरीबों को रोटी दान कर ए - इंसान ,
आखिर कब तक मंदिर मस्जिद को अमीर बनाता रहेगा !!...-
ऐ खुदा तेरी बनाई इस दुनिया में
हर अच्छे बुरे का हिसाब
क्यों गरीबों से ही लिया जाता है????
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