एक पत्ता देखा था मैंने,
जो लटका हुआ था पेड़ पर,
एक हवा का झोंका सा आया,
उसको धरती पर पटकाया,
बाद में जो उसकी हालत थी,
देख उसे मेरा दिल घबराया,
जब मैंने उसको उठाया,
वह पत्ता नहीं,
एक दबा कुचला इंसान पाया ।
एक दबा कुचला इंसान पाया ।।-
मोह का सत्य मातृत्व की पहली आकृति है
यही विश्व में जीवन की असल प्रगति है-
मैं कहता हूं
बिना दर्द दिए इश्क का
फरमान ठुकराना
कोई तुमसे सीखे
पास होकर भी दूर का
एहसास करवाना
कोई तुमसे सीखे
बहती सर्द हवाओं से
दिल को जलाना
कोई तुमसे सीखे
गैर भी होने ना देना
अपना भी ना बनाना
कोई तुमसे सीखे
बिन झोंके बिन आंधी
दीपक बुझाना
कोई तुमसे सीखे-
किसी उम्मीद भर में जुटे थे तूमसे
कि तुम कोई उम्मीद न रखो हमसे
बस रिश्ता रहे आपस में तेरा मेरा
अब तेरी हरकतों की गरम प्याली
मेरे दिल को जलाने लगी है ।
बता भी दे तूम्हारी नज़र में मैं क्या हूँ?
जो इतना करीब आने लगी है ।-
सबर ऐसे घोड़े की सवारी है
जिस का आनंद उस वक्त आता है
जब
सब अपने लक्ष्य को
पाने के लिए तेजी से दौडते हैं
मगर पहूंच नहीं पाते हैं
और यह आराम से लक्ष्य
पा कर अगले लक्ष्य की
ओर प्रस्थान भी कर लेता है-
तूम चाहो तो फिर से
हो सकती है नई शूरुवात जिदंगी की
तुम चाहो तो फिर से
जुड़ सकती तार दिल की बंदगी की
ऐसा तो नहीं कि
तूम कोशिश भी न करो
और खूदा साथ न दे-
सफलता का मंत्र
मेहनत , किस्मत , सब्र , समर्पण ...
सब अपनी जगह है लेकिन मेरा मानना है
कि खुद से ईमानदार होना सबसे अहम है ।
अगर मूल रूप से आप ईमानदार नहीं हैं तो
आप चीजों को खुद ही उलझाते चले जाएंगे ।
M S DHONI
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पहले था कुछ ! पर अब नहीं.....
तुम मेरी ना हो सकी
दिल को तसल्ली दी है
समझा लिया है नादान को
अब छटा लिए हैं बादल
साफ कर लिया है
दिल के आसमा को
कोई गिला नहीं तुमसे
कोई गिला नहीं खुद से
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पहले मिलता तो शायद
इतनी तवज्जो न मिलती
तुम समझ गए हो मुझे
मेरे अकेलेपन को
वाकिफ थे कई चहरे पहले
बस अब सिर्फ तुम हो
अच्छा है ज़रा देर से मिला
तुम मुझे
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