फर्क सोच में नहीं
नज़रिये में होता है
बस देखने आना चाहिए।-
जुदा होकर भी मुझसे...
उनके दिल का दर्द नहीं बढता...
अब मेरी नाराजगी से भी...
उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता...-
फर्क सिर्फ इतना...
औरों ने छोड़ा हमें...
इंकार के साथ...
और तुमनें छोड़ा हमें...
गहरे जख्मों के साथ...-
हर किसी को पसंद आ जाये
कोई फूल थोड़े ही है।
और हर किसी से फर्क पड़ जाए
कोई बेवकूफ थोड़े ही है।।-
Jo log ye dikhate hai ki unhe fark nhi padta
unhe hi sab se zada fark padta hai😔-
सुनो एक बात कहना हैं....
कभी जो हम रूठे तो तुम मना नही पाओगे
ज़रा कह़ो इतनी बेरूख़ी कहाँ लेके जाओगे..
🌷
अक्सर पुकारते है तुझे महज़ सुनने की ख़ातिर
एक दिन मुझे ही सुनने को तुम तरस जाओगे..
🌷
आज शक़्ल भी हमारी अज़नबी सी लगती है
एक दिन सिर्फ तस्वीरों में देखते रह जाओगे..
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जो ख़तायें हमने की हैं वो तुम नहीं दोहराना
वरना दोनों के बीच का फर्क बता नहीं पाओगे..
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मायूस खाली हाथ लौटते हैं अक्सर दर से तेरे
कभी जन्नत भी दे के तुम मुझे मना नहीं पाओगे..
Gogi gupta Gg
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दोष हर किसी में होता है ...
पर दिखता उन्हीं का है जिनका हम देखना चाहते है !!-
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Use abb fark nai padta hai ab yhi soch kar jeena padega.....
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दिन भर तेरी यादों से लड़कर रात को किसी कोने में छुप जाया करती हूं,दर्द के पन्नों से अपना नाम हटाने की नाकाम सी कोशिश करती हूं।
फिर घंटों बैठकर तेरी यादों से बातें करती हूं,ये सिलसिला जारी होता है और आंखों में तेरी तस्वीर नज़र आने लगती है,हटाने पर तेरी वो तस्वीर धुंधली सी हो जाती है, ठीक वैसे ही जैसे आंख पर बारिश के पानी की बूंद से कुछ पल के लिए सामने का मंजर कुछ धुंधला सा पड़ जाता है।
दर्द को अंधेरे से ढकना चाहती थी,वो सफ़ेद रोशनी जो ऊपर चांद से नीचे खिड़कियों को पार करती हुई मेरे चेहरे पर पड़ रही थी अब कुछ फीकी पड़ रही थी।
आंखों के दोनों किनारों पर अब पानी की जगह आंसूओं ने ले ली थी,धीरे-धीरे कोनों से निकलकर अब वो मोतियों की तरह एक एक करके मेरे सिर से लगी उस मखमली ताकिये को भिगो रहा था और तेरी यादों को एक एक करके मेरे दिल के किसी कोने में पिरो रहा था,
अब यही सिलसिला शुरू हुआ था जो शायद हर रात एक नयी याद बनकर रह जाता था।कुछ यूं ही हम नींद को गले से लगा कर एक रोज हम जान से बेजान में तब्दील हो जायेंगे और साथ ले जायेंगे तेरी ये यादों भरी तस्वीरें।
वो चांद की रोशनी जो अक्सर मेरे चेहरे पर पड़ कर मुझे सुकून देती थी वो कहीं गुम हो जायेगी।
और वो बारिश की बूंदें जो गिरी थी मुझपर वो एक एक करके मेरी रुह को सुकून पहुंचायेंगी।
यादों का ये सफ़र जारी रहेगा और दर्द की ये लकीरें हमेशा खिची रहेंगी।-