सहमा - सहमा सब था
जैसे परदों ने सुनी आहट
इस क़दर ठहरे हुए थे
वो पल भी अजब था
सहमा - सहमा सब था
खिड़कियों पे न कोई हलचल थी
जैसे टकटकी लगा के बैठी हों
शायद बरसों बाद किसीको देखा था
वो वक़्त भी ग़ज़ब था
सहमा - सहमा सब था
रुक गई थीं यक-ब-यक हवाएं
सुन के उनके पैरों की सदाएं
गुनगुनाती पैरों की पायल न थी अब
साज़ कैसा ये तब था
सहमा - सहमा सब था
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