वो हमें क्या संभालेंगे इस भीड़ में,
जिनसे अपना दुपट्टा संभालता नहीं.......-
19 DEC 2018 AT 23:21
18 JUN 2020 AT 12:49
ये जो सिगरेट छोड़वाने वाली आती है,
वो सिगरेट छुड़वा के तो चले जाती हैं,
लेकिन शराब की लत लगा के जाती हैं... .. .-
7 JUN 2020 AT 14:48
मेरी फितरत में नहीं हैं,उन परिंदो से दोस्ती करने का जो हर किसी के साथ उड़ने का शौक रखते हैं।
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14 JUN 2020 AT 11:57
तुम कभी भी मिलने आ सकती हो मुझसे,
पाबंदी तो शहरों में लगीं हैं ना मेरे ख्वाब में तो नहीं...-
4 JUN 2020 AT 14:28
इंसानों की गलतियां के वजह से कहीं कुछ इंसान खाने के लिए तड़पते हैं,
इसका मतलब ये तो नहीं क्या हम किसी जानवर को खाने के लिए तड़पाए।-
14 JUN 2020 AT 18:18
कुछ दर्द ऐसे बिन कहे आते हैं जिंदगी में कि,
जैसे पेड़ हरे-भरे हो फिर भी टूट जाते हैं...-
13 JUN 2020 AT 22:41
सिर्फ़ तन्हा रातो में ही सुनाई देती हैं,
उसे सुनने के लिए कान की नहीं दिल की जरूरत होती हैं..-
7 JUN 2020 AT 20:00
अपने बारे ने बहुत कम,
और दूसरे के बारे में खुद से ज्यादा,
यहीं क्या उसे कैसे खुद से नीचे दिखाया जाय।
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