आज मंगलवार है मंगलमय का आसार है जो कोई भक्त नवरात्रि का त्योहार करे उसके सफ़र सूख सार है।नववर्ष के साथ घर में ख़ुशियाँ आए माता का भी आशीर्वाद मिल जाए।।आओ सब मिलकर माता का आराध्य लगाए उनके भक्ति संग नव वर्ष का उत्सव मनाए।।
आपको सह परिवार चैत्र *नवरात्रि* पर्व और *सनातन नव वर्ष* चैत्र शुक्ल पक्ष नव संवत्सर विक्रम संवत् 2078 की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।
माता रानी हम सभी पर हमेशा अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें। यह वर्ष सम्पूर्ण विश्व के लिये निरोगमय,सुखमय, शांतिमय एवं मंगलमय हो।
🙏जय माता दी🙏🚩-
शायरी
क्या क़सूर था मेरा, हमने उसपर अटूट विश्वाश करी
उम्मीद ना था तुझसे प्रिये, तुम बेवाफ़ा निकल जाओगे।।
सुन्दर सा स्वपन दिखाकर, सारे स्वपन चकनाचूर कर जाओगे।।
बहुत बड़ी गलतीं कि मैंने, अतिशीग्र फ़ैसला के कारण जीवन भर पछताए।।-
।। अनोखी यादें ।।
बचपन कुछ यादें ऐसा भी जो कभी लौट के ना आए।।
गिल्ली डण्डा खेला करते , उन गर्मियों की छुट्टिया में ।।
कंचें का निशाना लगाकर , कंचें जीत ज़ाया करते थे।
पाठशाला जाने के लिए कोई घड़ी नहीं,दीवाल पर सूर्य के
रोशनी का निशान लगाकर समय पर ज़ाया करते थे।
तीन से पाँच किलोमीटर तक सब पैदल ज़ाया करता थे।
जो विद्यार्थी समय से विद्यालय ना पहुँच पाए, या ना आए
कल उसको कड़ी धूप में मुर्ग़ा बनाया जाता था।
बिजली का पता नहीं पंखा कूलर एसी कहां से आए।
लालटेन दिए कि रोशनी में पढ़कर,बहुत विद्यार्थी अव्वल दर्जे से पास हो जाए।आज कल अध्यापक ही विद्यार्थी से डर जाए फिर वह शिष्य को कहां से पूरी तरह ज्ञान दे पाए
आजकल का बच्चा नैतिकता की बात समझ नहीं पाता ,अनैतिकता कि मार्ग ख़ूब अपनाए जिसके कारण वह अपराध की दलदल में में धँस जाए।
माता - पिता को देना होगा बच्चों में संस्कार, अन्यथा बच्चे मा - बाप का क़दर करना ही भूल जाए।-
#लम्हें देखो आजकल अजीब सा छाय,बीन काम के स्वार्थी लोग अपना राजनीतिक नैया बॉर्डर पर चलाए,डूब गया सबकी नैया,किसने के सहारे सब विरोधी एक साथ आए। कोई न पूंछ रहा विरोधी को, भारत में आंदोलन के बहाने आग लगाए। हर रास्ता अपनाए विरोधी,किसी तरह यह किसान हित कानून वापस करवाए।और इसी के बहाने देश विरोधी फिर से देश में हर चौराहे, मोहले पर अपना तांडव दिखाए।जिससे सब जो कानून बना अभी उसको वापस करवाए।सीख भी अब मुसलमान बन गया हिंदू सब कब सनातन बन पाए।🤔
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हज़ारों के भिड़ में अकेले हम चल पड़े,मिल तो हमें जायेंगी,सकारात्मक आशा में निकल पड़े।।
उम्मीद है प्रिय जल्द ही मुलाक़ात होगी, सारे गिले शिकवे पर दोनो की बात होगी।
ग़ैरत होगी हमारी जीवन पर, रूठे साथी को ना मनाए।
मुकम्मल होगी सकारात्मक मुलाक़ात, जिसमें मधुर बात होगी।।-
।। उम्मीद की राहें ।।
अपने को ऐसा बनाओ, हर गुणवत्ता की सागर हो।
कितना भी कोई लेकर जाए,सागर की सद्गुण बढ़ता जाए।।
सागर में कोई कितना गोता लगाए,सागर फिर भी सागर कहलाए।
पैसे की क़ीमत देखो प्यारे,तोड़ मरोर फ़ेक देने के बाद भी उतना ही क़ीमत कहलाए।
क्यों अपने को कोसते प्राणी,तुम भी ख़ुद वैसा ही बनाओ।
हर जगह क़ीमत हो तुम्हारा, सबके घर में नाम हो जाए।।
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आज मंगलवार है हनुमान सार है जो हनुमान का भजन गाए उसका जीवन सुख सार है। संकट मोचन हनुमत हमारे जो सब पर कृपा बरसाए,जो भी भक्त उनका ध्यान तन मन से लगाए उसका जीवन भय मुक्त बन जाए।भय मुक्त जीवन हो हमारा तभी बनेगा सुख की सार। आओ सब मिलकर गाए आओ सब झूम कर गाएं हनुमान का आराध्य लगाए उनका पूजन बड़ी धूम धाम से कर जाए। आज मंगलवार है हनुमान का सार है जो हनुमान जी का भजन गाए उसका जीवन सूख सार है। हनुमान बड़े कृपालु हनुमान बड़े दयालु करते हैं भक्तों का उद्धार, भक्तों की नैया बेड़ा पार लगाए भक्तों का जीवन सवार जाए। क्यों करते हो मानव तुम अनदेखी आओ सब मिलकर गाओ हनुमान का आराध्य लगाओ। अपने मन तन को उनके पूजन में समर्पित कर जाओ अपना जीवन को सफल बनाओ। बड़ी कठोर से परिश्रम के बाद मिलते हैं तुम्हें आराध्य तुम्हारे, करते हैं अपने भक्तों का उद्धार भक्तों का संकट दूर भगाए भक्तों का जीवन में खुशियां लाए। आओ सब मिलकर गाए हनुमान का भजन सुनाएं उनको अपना जीवन समर्पित कर जाए। प्रेम से बोलो हनुमान की जय।। लेखक✍️डॉ विनय कुमार गाजियाबाद
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नीली आँखें तिरछी निगाहे, घायल सबको कर जाए।
पता नहीं किसी पर बिजली गिरे ,और बरसात हो जाए।।-
🙏🏼नवरात्रि चौथा दिन🙏🏼
माता कुष्मांडा को जो भक्त मन से आवहण कर जाए,अपने भक्ति से मा को प्रसन्न कर जाए ,उसके घर में सुख सम्पदा ऐश्वर्य का समागम आए।बहुत लोग कर देते अनदेखी,जिससे उनकी विपदा बढ़ जाए ।हर पल ना सही तो एक पल ही सही,अपने आराध्य के लिए कुछ पल निकाल जाओं,मनतन से अपने आराध्य के भक्ति में लीन हो जाओ। कूष्मांडा मा पार्वती स्वरूप उनकी पूजा अर्चना सब भक्त मिलकर कर जाए,अपने सारे दुःखों का निवारण मिल जाए।प्रेम से बोलो माता कुष्मांडा की जय।।-
🙏🏼 माता ब्रह्मचारिणी 🙏🏼
माता ब्रह्मचारिणी की दूसरे दिन का व्रत श्रधा पूर्ण कर जाउं, उनके आवाहन में मन तन को समर्पित कर जाउं।। जो कोई याचक माता की तपस्या कर जाए,उसके जीवन में होती सर्वदा सुख की सार।। भर दे झोली ये मेरी मैया तेरा याचक खड़ा तेरे द्वार पे।। तेरी पूजा अर्चना करूँ मैं मन से,याचक लौट के ना जाए ख़ाली।।भर दे झोली यै मेरी मैया तेरा याचक तेरे द्वार पे।।माता ब्रह्मचारिणी के तपस्या में लीन हो जाउं,माता की भक्ति में विभोर हो जाउं।।आओ सब याचक मेरे संग तपस्या में मग्न हो जाओ,माता ब्रह्मचारिणी की आचरण जैसा,सारे याचक आचरण का स्वरूप बन जाओं।।मिलेगी तुमको माता का आशीष ,अपना विनम्रता बनाए रखना।।माता से आस लगाए रखना।भर देती है मा सबका झोली जो कोई याचक द्वार पे जाए।।बोलो माता ब्रह्मचारिणी देवी की जय🙏🏼🙏🏼।✍🏼डॉ विनय कुमार गजियाबाद-