अनजाने सफ़र पर,अनजानी मंज़िल पर ,
रास्तों की तरह तेरा साथ चाहता हूं..
भटकता दूर कहीं जंगल में,
किसी राहगीर की तरह तेरा साथ चाहता हूं...
डूबती कश्ती को किनारे के लिए,
मांझी की तरह तेरा साथ चाहता हूं...
फूल और काटों की दोस्ती की तरह,
तेरा हर पल साथ चाहता हूं...
दूर आसमान में सितारों के बीच,
एक चांद की तरह तेरा साथ चाहता हूं...
बिना किसी मजहब रिवाजों को छोड़कर,
एक जिंदगी कि तरह तेरा साथ चाहता हूं...!!-
अपने किए का हिसाब कीजिए...यह जिंदगी है इसका तो हिसाब कीजिए...
तेरी यादों से लड़ते लड़ते जिंदगी के ख़्वाब भूल गए थे, उन ख्वाबों के हिसाब तो कीजिए..
जो वादा किया था मंज़िल पाने का, तो उन रास्तों का हिसाब तो कीजिए..
जो खत भेजे थे मैंने, तूने जलाकर राख कर दिए तो उन खतों के अहसास का हिसाब कीजिए...
चल तुझे हर हिसाब से मुक्त करते हैं...जाते जाते इन यादों का तो हिसाब कीजिए...!!-
मुस्कुराना और चेहरे पर मुस्कुराहट का होना...
दोनों अलग बात हैं...!!-
एक दूसरे का सहयोग करते रहिए...जिंदगी में आगे बढ़ते रहिए...यही हमारी देश की सभ्यता है...
यही बताती है कि हमारे देश की संस्कृति और संस्कार कैसे हैं...हम भारत देश के रहने वाले हैं और हमारे देश में सब मिल जुल कर रहते हैं यहां हर धर्म को एक माना जाता हैं यहां हिन्दू, मुस्लिम सिख, ईसाई, सब मिलजुल कर रहते हैं और एक दूसरे का सहयोग करते हैं...
हमें हमेशा अपने देश की संस्कृति और सभ्यता को बरकरार रखना है
जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
यह कैसी मोहब्बत है तेरी...
पहले खुद ने खुदा बनाया और आज बेवफ़ा बना गए...!!-
चारदीवारी में कैद थी चेहरे की मुस्कुराहट...
दुनिया के सामने कैसे हंस पाते हम...!!-
आज खुद से वादा करो... कि अपने देश का तिरंगा कभी झुकने नहीं देंगें...
देश के मान सम्मान को कभी ठेश नहीं पहुंचाएंगे...
और जिसने देश का बुरा सोचा... तो उसे छोड़ेगें भी नहीं...
इंकलाब जिंदाबाद...
जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
जिस पर हर वक्त उनकी जुल्फ़ों का पहरा है...
उनकी आंखो में मदहोश होना चाहता हूं,
पर उन पर उनकी काजल की लकीरों का पहरा है...!!-
जिंदगी में हम अपनी सफलता पर गुमान करें या ना करें...
पर हमें अपनी जिंदगी की गलतियों पर गुमान करना आना चाहिए...!!-
मेरा क्या कुसूर था... कि तू मुझे छोड़ कर चली गई बस इतना ही की तुझसे पहले अपनी भारत मां का दीवाना था...तुझसे ज्यादा अपने देश पे मारता था...!!
जय हिन्द जय भारत🇮🇳🇮🇳🇮🇳-