भगवान को नाम देता है इशान -बना लिया है उसे अपने समान -कुछ तो खुद को कहने लगे भगवान् उंगली पर नचा रहे भोले-भाले इशान , कर रहे भगवान् का अपमान
इतने सारे सुन कर अपने नाम भगवान् खुद भूल गया है कि वो है भगवान्
बंट लिया है उसे अपने अपने हिसाब से !
छंट लिया है उसे अपनी अपनी किताब मे !
वो जो सब मे बसा है उसे सबसे अलग कर दिया है अपने अपने अंदाज मे
-