छोडकर अपना आत्मसम्मान मै,
दूसरों की नज़रों मे महान बनने चला था।
आलम कुछ इस कदर था कि,
खोद के अपनी ही कब्र मै बेवजह कुर्बान होने चला था।।-
समेट के सपने मुट्ठी मे,
उठ पथिक तू चल।
तोड के जंजीरे निराशा की,
जोड बना इक स्वर्णिम कल।
जब बाधाएं रस्ता रोके,
आएगीं सपने तेरे धूमिल करने।
तू भी अस्त्र उठाकर मेहनत का,
निडर चल पडना उनसे लडने।-
Tumse lakh accha to mera mobile number hain,
Jo tumhare liye na to pahle aur na hi aaj tak nhi badla.-
हूँ तत्पर हर सेवा के लिये,
मै एक वीर जवान हूँ।
मातृभूमि की अस्मिता पर मिटता,
कतरा कतरा बलिदान हूँ।
हूँ चट्टान सा खडा सरहद पर,
चमकती दोधारी तलवार हूँ।
हर रोज आग मे तपकर बनता,
दुश्मन की मौत का हथियार हूँ।
मै रक्षक भारत माँ का,
हर जुबां पे बसता नाम हूँ।
जो बरसूं आग का गोला बनकर,
मै ऐसा कोहराम हूँ।-
तुझे वर्तमान में जीना है,
भूत भविष्य बस एक सपना है।
बात समझ के चलना मेरी,
यहाँ तू ही तेरा बस अपना है।
राह में नंगे पाँव तुझे बस,
दूर फलक तक चलना है ।
अन्तिम पड़ाव तक जीवन के,
संग स्वप्न संजो के रखना है।-
लोग मरते हैं गाली देने वालो पर अक्सर,
लगता हैं
उन्होंने शरीफ लोगो की हमदर्दी न देखी अब तक।-
किसी महिला का सबसे उत्तम कर्तव्य यह है की,
वो अपने परिवार का स्तंभ बने।-
रोज ये सूरज उग आता है,
नींद से मुझे जगाने को।
मुझसे पहले उठ जाता है
कर्तव्य याद ये मुझे दिलाने को।
खोलूं जब परदे तीखी किरणें,
कमरे मे घुस आती हैं।
छूकर तन को चुपके से ये,
ताजगी महसूस कराती हैं।-
दुनिया के लिए तुम एक इंसान हो सकते हो, लेकिन एक इंसान के लिए तुम पूरी दुनिया हो सकते हो।
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मज़बूरी के साथ कभी मुझसे प्यार मत करना,
एहसान करके कभी मुझे खुशिया दान मत करना,
दिल करे तो सच्चा प्यार करना,
वरना झूठी लिबास से मुझे गुमराह मत करना।-