कल के बलिदानों में जो ढुंढते हैं चेहरा अपना।
आज उनकी तस्वीर,
कुछ युँ बयां करती हैं।
कौन कहता है ?
बलिदानों में मौत लिपटी होती है।
वो तो हर दौर में,
वतन की तकदीर लिखा करती हैं।
कल #भगत था आज #संदीप है
बस हिंद की,
हिफाज़त का ख्वाब बुना करती हैं।
हर जश्न कुर्बान
भारत की शान में,
गोद और मांग बस बलिदान दिया करती हैं।
ऐसा नहीं आँसुओं का सैलाब नहीं होता,
बस अपने हिस्से के गुरुर को फक्र से जिया करती हैं।
ये भारत है साहब!
हर रोज वतनपरस्ती में, लहुलुहान हुआ करती है।
इश्क लिखने से पहले,जवानियाँ हिंदुस्तान लिखा करती है..✍️-
आज भी जिनकी खामोशियों से हररोज रोशन है फिजा
उन सोये समाधियों का समर्पण
ऐ भारत!
देखो तो जरा 🇮🇳
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ये वतन जो मिला है
संभालो हाँ इसको
रक्त ने कवच बन दिया है तुम्हें ये
अगर न जागे अब भी जो हाँ तुम
कल ना होगा नानक ना कोई गोविंद
विरासत में मिट्टी जो ए महफूज मिली है
बलिदानों से बहते लहु में तुली है
जिंदगी जियो पर बन मातृभूमि का रक्षक
जश्न की बुनियाद बस यही है यही है✍️🌠-
गर्जना के साथ
हर भय को ललकारती,
चिरनिद्रा में सो रहे
अपने अस्तित्व
को सहलाती,
अचानक
शीला बन जोर से गरजती
दिलेरी !
जयहिंद जयहिंद जयहिंद 🇮🇳
और
अबतक
आत्मबल को सिंच रहे उसके आँसू
कह उठते हैं
मैं तुमसे प्रेम करती हुँ....✍️🌠-
रुक मत जाना,
तिरंगे में लिपटे ताबूतों का सिलसिला जारी है अभी।
धूप मुसाफिर फिर मंजिल
याद...है...न, वतन🇮🇳परस्ती✍️
#/💚-
धधक उठी है जो ज्वाला
ना रुकने से रुकेगी
हर ताबूत की कसम हमें है
सुनो हिंद🇮🇳 के गद्दारों
अब न कोई माफी तुमको
अब सब्र हमारा बोलेगा
कह दो अपने आकाओं से
दुश्मन कब्र से जयहिंद🇮🇳 बोलेगा
अब...हाँ...अब...✍️🌠
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जब मौन बोलता है
दृढ़़ होकर
धैर्य वेदना से लड़ता है
खुश होउं या आलाप करुं
कर्तव्य वीरता से पूछता है
पवित्र आत्माएं आभा बनकर
कर्तव्य को थाम तब कहती हैं
है यकीन
हाँ
नहीं होगा
बलिदान हमारा व्यर्थ कहीं
जय करोगे
आप हमारा
थाती छोड़
जा रहे
यहीं
🇮🇳
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जियो तो ऐसे जियो
इश्क हो दुनिया को तुमसे
और
हर हसरत इबादत हो।
🌠
जब जनाजा तुमको अपना जन्नत में कह के चले
तुम हँसो और इश्क तुम्हारा;
हर ईक से
खुद को कह-कह रोये..⛈️
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