तुम आने के लिये सावन माह की राह ना देखना ,
सुना है,दरम्यां बेशुमार मोहब्बत हो तो बारिश की दरकार नहीं होती!!-
18 MAY 2020 AT 18:49
2 MAY 2020 AT 5:43
ए खुदा ये दिमाग वाला दिल मुझे भी दे, ये दिल वाला दिल बहुत सताता है!!
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12 MAY 2021 AT 13:14
मुझे छोड़कर वो खुश हैं
तो शिकायत कैसी?
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं
तो दोस्ती कैसी?-
4 AUG 2019 AT 20:43
तृप्त हृदय को, सरल स्नेह से
जो सहला दे, मित्र वहीं हैं।
रुखे मन को, सराबोर कर
जो नहला दे, मित्र वहीं है।
प्रिय वियोग, संतप्त चित्त को
जो बहला दे, मित्र वहीं है।
अश्रु बूंद की, एक झलक से
जो दहला दे, मित्र वहीं है।-
25 FEB 2021 AT 23:05
अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा,
जहाँ लोग मिलते कम झाँकते ज़्यादा है।-