नादान हूं नासमझ नहीं
जो छल और निश्छल
के भेद को ना भाँप सकूं
चुप हूं मगर बेबस नहीं
जो इल्ज़ामों की दीवार
को न लाँघ सकूं
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26 APR 2021 AT 14:03
4 JUL 2020 AT 14:14
अकेले ही तय करने होते हैं कुछ सफर जिन्दगी के हर सफर में हमसफर नहीं होते...
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4 JUL 2020 AT 14:12
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता , बात तो दिल की नजदीकियों की होती है ! दिल के रिश्ते तो किस्मत से बनते हैं वर्ना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है...
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