इश्क़ तेरा... चाहत भी तेरा...
सवाल तेरा...जवाब भी तेरा...
सब तेरा...पर तू खुद है मेरा...
तो चित भी मेरी...और पट भी मेरा...
😎😂-
हर पल दिल की कोई रंग छेड़ जाते हो तुम...
महफिलों में रहती हूं जब भी तन्हा सी...
दिल के महफ़िल को अपनी यादों से सजाते हो तुम...
कभी भी हंस जाती हूं तुम्हारी बातें याद करके मैं...
इतनी प्यारी बातें कैसे बनाते हो तुम...
रहता है आंखो के आगे हमेशा चेहरा तुम्हारा...
और जब आंखे मुंदू तो भी दिख जाते हो तुम...
माना कि मना लेते हो अपनी बातों से...
पर इतना क्यों चिढ़ाते हो तुम...
यूं तो परेशान मैं भी करती हूं...
भले ही ना कह पाते हो तुम...-
आज सोचा खाना
बना लूँ,
फिर पता चला तू भी खायेगा
तो सोचा थोड़ा
तीखा कर दूँ,
फिर पता चला तू मेरे साथ खायेगा,
तो सोचा कुछ मीठा भी बना लूँ,
फिर मैंने खीर बनाई,
फिर पता चला तुझे तो मीठा
पसंद नहीं है,
तो सोचा थोड़ा उसमे नमक
मिला दूँ,
तू मुझे चिढ़ाये
कि तू खाना नहीं बना पाती
तो तुझे मैं कूट दूँ,
तुझे हर पल खुद से जोड़ लूँ
तुझे अच्छा सा खाना
खिलाकर खुश कर दूँ।-
सुकुन मिलता है जब बात होती है
हजारो रातो मे वो एक रात होती है
उठा के देखती हैं तनु अपने नयनो को मेरी तरफ़
वही मेरे लिये कायनात होती है-
गर इश्क़ मेरा है तो चाहना भी मेरा होगा
सवाल भी मेरा है ओर जवाब भी मेरा ही होगा-
yhe chaand mujhe tera naam leke aaj bhi chidata h...
na jaane kyun yhe mujhe dekh tere kisse sunata h...-
उसके भेजें गए गीत से मैं,
उसे चिढ़ाने के लिए पंक्तियां ढूंढ़ लेती हूं।
फिर शरारती सवालों का खूबसूरत जवाब पाकर,
उसकी बातों में खो जाती हूं।।😘-
वो जुवा से थोड़ी टेढ़ी निकली यार...
मेरे दिल के जंजिर की बेड़ी निकली यार!!2!!
मुझे लगा लड़की बड़ी संस्कारी होगी...
सुत्रों से मालूम हुआ नशेड़ी निकली यार!! 😃😀😄-