#chhotasahar
छोटे शहरो के लोग,
सपने बड़े संजोते है।
धुंधली सी इन आंखों को,
पसीने से ये भींगोते है।
ख्वाबों की इस उलझन को,
सांसों में ये पिरोते है।
अधूरा सा इश्क ख्वाबों का,
अपने संग ये, ता उम्र ढोते है।-
7 NOV 2024 AT 23:49
#chhotasahar
छोटे शहरो के लोग,
सपने बड़े संजोते है।
धुंधली सी इन आंखों को,
पसीने से ये भींगोते है।
ख्वाबों की इस उलझन को,
सांसों में ये पिरोते है।
अधूरा सा इश्क ख्वाबों का,
अपने संग ये, ता उम्र ढोते है।-