"नया खूबसूरत सा कोई आग़ाज़ लिखूं, इन अल्फ़ाज़ों से मेरे में जज़्बात लिखूं ,हर नए खुशनुमा पल की शुरुआत लिखूं ,सुबह लिखूं ,शाम लिखूं"
"नया खूबसूरत सा कोई आग़ाज़ लिखूं, जो दिल में हो कोई बात एक नई खूबसूरत सी उस बात की शुरुआत लिखूं, हां एक नया आगाज़ लिखूं"
"नया खूबसूरत कोई आग़ाज़ लिखूं ,वो खिलखिलाते बच्चे की मुस्कान लिखूं, इन चाहे-चाहते पक्षियों की आवाज लिखूं, हां इन सब की शुरुआत लिखूं"
"नया खूबसूरत कोई आग़ाज़ लिखूं, हां रुककर देखूं खुद ही को और एक छोटी सी ही शुरुआत करूं, रौशन कर खुदी को क्यों ना ऐसी बात लिखूं"
"नया खूबसूरत सा कोई आगाज लिखूं, हां अपने ही लिए कोई ऐसी शुरुआत लिखूं, खुद के लिए ही कोई ऐसी बात लिखूं, हां नया कर खुदी को! खुद अपना ही आग़ाज़ लिखूं"
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