कल को अगर मैं मर जाऊँ
तो उसे मेरा हाल ज़रूर बताना
अगर वक्त मिला उसे आने का
मेरा चेहरा ज़रूर दिखाना
बताना उसे कैसे जी रही थी मैं
अपने सवालों को लबों पे सी रही थी मैं
तुझसे तू नहीं बस जवाब चाहती थी
वो साथ बीते पलो का हिसाब
चाहती थी ...
कल को अगर मैं मर जाऊँ
तो उसे मेरा हाल ज़रूर बताना-
मुझे फर्क़ नहीं पड़ता कि मेरी आवाज क्या है
मुझे इस बात से फर्क़ पड़ता है
कि मेरे अल्फाज़ क्या है-
हथियारों से लड़ी जाने वाली लड़ाई बार-बार लड़नी पड़ती है
पर बुद्धि हमेशा बल पर भारी पड़ती है-
" सुना है कि "
औरत का दर्द हर कोई नहीं समझ सकता
समझ सकता है वही जो औरत की इज्जत करता है-
हर रात तुम्हारे वीडियो कॉल का इंतजार रहता है
जब उपर आसमान में बैठा चाँद यहाँ मुझे और वहाँ तुम्हें देखता है-
बहुत मुश्किल होता है
ये तन्हा रातें जब किसी की याद दिलाती है
तब रोने को जी बहुत करता है
पता नहीं क्यु ये यादे गायब नहीं होती
इसके चलते पल पल दिल एक कोने में बैठ के रोता है
-
माँ!
जन्म लेती है और जन्म देती हैं,
कितना कष्ट उठाती है यह वही जानती है..?-
जो अपनी जिंदगी में कुछ पाना चाहते हैं,
वो समंदर में भी पत्थर के पुल बना लेते हैं...-
इतिहास गवाह है यह मसाल भी सुलझ जाए गा
जिन्दा रहने का जो ज़ज्बा है ये भी उभर आए गा
मुस्किल नहीं है कुछ इस जीवन में पाना
आज अगर बुरा है तो कल ज़रूर अच्छा होगा
वक्ता ही है गुजर जाए गा-