जंग के मैदान में छोड़ भी दूँ साँस अगर
लिपट कर तिरंगे से गाँव में छोड़ना मग़र
माँ को बताना मगर,
शान से मरा हूँ मैं,वीर भाँति लड़ा हूँ मैं
बापू,अब ना होगे परेशान मुझसे
हो गया हूँ जो दूर तुझसे
आँखों में आँसू आने ना देना,
मस्तक कभी झुकने ना देना,
भाई छोटे बढ़ गए हैं हिस्से तुम्हारे,
बोझ के और सोच के
हो गई चाबी अब तेरी मेरे वाली "BIKE" की
बहना अब तू शान से कहना
वीरांगत हुआ है भाई तुम्हारा
समय बढ़ा है शाम ढ़ला है
थोड़ा-सा कर्ज़ चुका कर सो गया हूँ चैन से
मत रोना मेरे देश वालों सैनिक हूँ और
शहादत मिली है मुझे उपहार में
-©प्रिंस राज
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गम ना आये क़रीब आपके
जहाँ से सुंदर हो तकदीर आपके
सीरा से न उतरे खुशी आपके
शोहरते सिर झुकाये, कामयाबी कदम चुमे आपके
दिल से दुआ है सफल हो हर दिन आपके
©प्रिंस राज-
Part-2
आसमान में ऊँचाई ना मिली तो सही
समंदर की गहराई को तो देख
अरसे बाद मिला है तू खुद से
शीशे की ख़ुशी तो देख
दिल फिर क्यों रोता है तू ?
माना चाँद नदारद है अब भी गली से
रात को नसीब न तकिया तो साथ है
यकीनन घाव भरते हैं निशां गहरे दे जाते है
लेकिन इस निशां की कहानी से तो तू खुश है
दिल फिर क्यों रोता है तू ?
-©प्रिंस राज-
Part -1
खुद पर तू रख यकी, जान दे हौसलों को
मान दे तू खुद को मार दे हर फासलों को
बाजुओं में जान दे शान दे तो लक्ष्य को
वीर भाँति कदम बढ़ा दान दे तू क्रोध को
खुद पर तू रख यकी जान दे हौसलो को
©प्रिंस राज
Khud per tu rakh yaki jaan de hauslon ko
Maan de tu khud ko maar de har faaslon ko
Bajuyo me jaan de shaan de tu laksh ko
Veerbhati kadam badha daan de tu krodh ko
Khud per tu rakh yaki jaan de hauslon ko-
अपनी निगाहों से कब तक सताओगी
प्यार है जानम ये कब बताओगी
-©प्रिंस राज-
शाम दाख़िल होऊँगा चाँद-तारे छुरा ले आऊँगा
रात अंधेरी रह जाएगी सूरज भी चुरा ले आऊँगा
-©प्रिंस राज
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क्या शिकायत रह गई ये ज़िन्दगी
जो निशान मिटा रही हो
जाने कितने नज़्म पढ़ डाले मैंने
तू अब तक कहर ढा रही हो
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उसे हर बार अपनी पहचान छुपानी पड़ती है
बस दोस्त है ये कहकर बात आगे बढ़ानी पड़ती है-
ख्याल बदलते हैं ख़्वाब बदलते हैं
जूझते-जूझते हालात बदलते हैं
-© प्रिंस राज-
उस चीख़ ने तो मतलब ही बदल दिए
गम जैसे हालात थे और उसने तो सपने ही बदल दिए
-©प्रिंस राज-