सर्जक स्वयं हैरान है,
ये तस्वीर किसकी है ?
( The creator himself is confused, whose picture is this ? )-
3 JAN 2020 AT 15:31
30 MAY AT 23:48
लौट आता हूँ हर शाम,
समेट के दिन को।
कभी ख़ुद को लूटा देता हूँ,
और कभी अरमानों को।।-
18 MAY AT 2:15
चाँद के साये में एक ख़ामोशी थी,
ना शोर, ना शिकायत… बस तू।
हर लफ़्ज़ में, हर सांस में… बस तू।-