میں اعتراف بھی نہ کر پایا اپنی محبت کا
وہ ایسے لمحوں میں ہی چھوڑ کر چلے گۓ
मैं ऐतराफ भी न कर पाया अपनी मोहब्बत का
वह ऐसे लम्हों में ही छोड़ कर चले गए-
10 OCT 2019 AT 20:28
19 NOV 2018 AT 18:35
चलो मैं अपने गुनाहों का ए'तिराफ़ करूं
जमा जो दिल पे तुम्हारे है मैल साफ़ करूं
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3 MAR 2022 AT 12:36
🌹वक्त की ताबीर को समझने की कोशिश कर रहा हूं🌷
न जाने ये हमसे इतना क्यूं रुठा हूआ हैं 🥺🕊️🌚-
21 FEB 2022 AT 17:03
कोई तो होता ऐसा इस फ़रेबी दूनिया में, जिसके कांधे पर सिर रखकर रो पाते,
जिसकी मौज़ूदगी कूछ ऐसी होती कि हम,
अमनो-सूकून से ख़्वाबों में ख़ो पाते,
अरे! मफ़ाद तलाशते इस बेरंगी दूनिया में,
कोई तो होता ऐसा जिसे हम दिल से अपना कह पाते।
🥹☺️😍😍✌️
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